मेरठ 13 जनवरी (प्र)। करोड़ों के फर्जी स्टांप घोटाले में पुलिस ने दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की है। अभी तक पुलिस पांच आरोपियों की गिरफ्तारी कर चुकी है। अभी खुलासा नहीं किया गया है कि स्टांप कहां से लाए जा रहे थे और इन पर कोषागार की मुहर कहां से लग रही थी।
मेरठ में करोड़ों का फर्जी स्टांप घोटाला अंजाम दिया गया। मामले में पुलिस ने कई मुकदमे दर्ज किए। रजिस्ट्री कार्यालय के पदाधिकारियों के आदेश पर 997 रजिस्ट्री को लेकर आपत्ति कराते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया था। दस्तावेज लेखक विशाल वर्मा का नाम सामने आया था। पुलिस ने विशाल को तीन दिन पहले गिरफ्तार किया था। इसके बाद दो अन्य की गिरफ्तारी की गई।
विशाल ने बताया था वह अक्षय गुप्ता से स्टांप लेकर आता था। इसके बाद पुलिस ने मुकदमे में अक्षय और उसके साथ यश का नाम बढ़ाया है। पुलिस ने अक्षय गुप्ता निवासी लक्ष्मीनगर, सूरजकुंड और यश सिंह निवासी पांडवनगर को गिरफ्तार किया है। दोनों फर्जी स्टांप की सप्लाई करते थे और इनके द्वारा लोगों के संपत्ति के बैनामे कराते थे।
नासिक प्रेस से मांगी गई रिपोर्ट यश सिंह पहले अक्षय के पास ही काम करता था। इस दौरान यश की दोस्ती विशाल वर्मा से हो गई। बाद में विशाल वर्मा ने यश को अपने पास काम के लिए रखा था। यश का काम स्टांप में हेरफेर करने का था। फिलहाल पुलिस ने अक्षय से जो पूछताछ की है, उसमें उसने कोई भी खुलासा नहीं किया। अक्षय बार-बार पुलिस को यही बताता रहा कि उसने जो विशाल वर्मा को स्टांप दिए थे, वह सही थे। अब पुलिस की पूरी जांच नासिक से आने वाले स्टांप रिपोर्ट पर टिकी है। इसके लिए एसएसपी मेरठ ने नासिक प्रेस से पत्राचार भी किया है।
व्यापारियों ने किया एसएसपी का सम्मान
फर्जी स्टांप घोटाले में आरोपियों की धरपकड़ को लेकर मेरठ व्यापार मंडल पदाधिकारियों और स्टांप घोटाला संघर्ष समिति के सदस्यों ने रविवार को एसएसपी का सम्मान किया।
महानगर अध्यक्ष शैंकी वर्मा ने एसएसपी को सम्मान चिह्न दिया। एसएसपी ने आश्वासन दिया कि कोई आरोपी बचेगा नहीं। इस दौरान अजय गेरा, संजीव अग्रवाल, मनीष कपूर, अर्पित मोगा, अभिषेक, शमूएल मसीह, प्रमोद शर्मा मौजूद रहे।
एसएसपी डॉ विपिन ताडा का कहना है कि पुलिस ने स्टांप घोटाले में अक्षय और यश की गिरफ्तारी की है। अभी तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में कुछ अन्य नाम का खुलासा भी हुआ है, जिनके संबंध में कार्रवाई की जा रही है। सभी के नाम जांच में बढ़ाए गए हैं। बाकी साक्ष्य संकलन का काम भी चल रहा है।