मेरठ 03 दिसंबर (प्र)। सिंचाई विभाग के एसडीओ सतेन्द्र कुमार तथा एक्सएन प्रमोद कुमार की लापरवाही और विभाग के रेन्बयू की मिली भगत से बागपत फ्लाईओवर के आसपास के क्षेत्र में रजवाहे पर अतिक्रमण कर उसे पाटकर अवैध निर्माणकर्ताओं ने बड़ी बड़ी बिल्डिंगे खड़ी कर ली है। जानकारी अनुसार रजवाहा चप सलावा लेफ्ट पर कुछ अवैध निर्माणकर्ताओं द्वारा मौखिक चर्चाओं अनुसार वन फारर अवैध रूप से बने होटल तक जाने के लिए दो पुलों का निर्माण कर लिया गया।
आसपास के लोगों का कहना है कि खडौली के सामने बने वन फारर के निर्माण की अनुमति किसी भी रूप में नहीं हो सकती उसके बावजूद सिंचाई विभाग के दोनों अफसरों ने इस निर्माण और रजवाहा पाटकर रास्ता बनाने के प्रति आंखे क्यों बंद की यह जांच का विषय है क्योंकि कुछ लोगों का कहना है कि टेल तक रजवाहे पर अतिक्रमण व अवैध निर्माण हो रहे है। यह भी बताया जाता है कि एसडीओ सतेन्द्र कुमार प्रतिदिन गाजियाबाद से आते है और रजवाहे पर होने वाले अतिक्रमण की उन्हें पूरी जानकारी है फिर भी उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की। कुछ लोगों का कहना है कि सिंचाई विभाग ने अनुमति कैसे दी और अगर नहीं दी तो रजवाहे पर कैसे शासन की नीति के विपरित बन रहे पुलों और हो रहे अवैध निर्माणों की अनदेखी कैसे की जा रही है। बताते है कि विभागीय संबंंिधत अधिकारियों की खाल कितनी मोटी हो गई है कि इसका अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि पूर्व विधायक द्वारा इस होटल और रजवाहे को पाटे जाने की शिकायत कई बार की गई। समाचार पत्रों में भी छप चुका है और कागजों में इस वन फारर होटल की ईमारत सील बताई जा रही है। और मेडा से भी की जा रही है जांच। कुछ जानकारों का कहना है कि इस निर्माण को ना तो फायर एनओसी मिल सकती है और ना ही अन्य सुविधाऐं। उसके बावजूद माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा नाले रजवाहों को पाटकर रास्ता बनाये जाने के विरूद्ध बने नियम सख्ती से लागू किये जाने के आदेशों के बावजूद विभाग के प्रमोद कुमार और सतेन्द्र जैसे अधिकारी रजवाहे पाटने वालों के खिलाफ कार्रवाही के बजाए चुप्पी क्यों साधे बैठे है।
इससे संबंधित खबर के अनुसार जनपद में एनएच-58 पर स्थित रोहटा रोड, खड़ोली के पास बने अवैध होटल पर मेरठ विकास प्राधिकरण गाँधीजी के तीन बंदरों की तरह व्यवहार कर रहा है। अवैध निर्माण के बारे में न तो सुनो, न उस तरफ देखों और न ही कुछ बोलो। मतलब अवैध निर्माण कार्य होने दो और चुपचाप आँखें मूंदकर बैठे रहो। इधर सिंचाई विभाग की सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करके वन फारर नामक होटल खड़ा हो गया और मेरठ विकास प्राधिकरण ने एक बार भी उस तरफ आँख उठाकर भी नहीं देखा। कई प्रमुख समाचार पत्रों ने भी इस अवैध निर्माण के खिलाफ़ प्रमुखता से ख़बर को प्रकाशित किया था और कर रहा है।
मेरठ विकास प्राधिकरण के नाकारापन के बाद भाजपा के बड़े नेता और सिवालख़ास के पूर्व विधायक जितेन्द्र सिंह सतवाई ने हाइवे पर खड़ौली के समीप सिंचाई विभाग की जमीन पर कब्जा कर बनाए गए इस वन फरर होटल पर कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री व हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक को पत्र लिखा था। जितेन्द्र सिंह सतवाई ने पत्र के माध्यम से सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा कर वन फारर होटल बनाने व उसके चलते होने वाली समस्याओं की शिकायत करते हुए जांच कराकर कार्रवाई की मांग की।
पत्र के माध्यम से पूर्व विधायक ने योगी सरकार को अवगत कराया कि एनएच-58 पर खड़ौली में मस्जिद के सामने लेफ्ट सलावा रजवाहे की बांयी पटरी पर भोला रोड व रोहटा रोड के बीच सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध रूप से होटल का निर्माण किया गया है। वहां बड़ी संख्या में गाड़ियां खड़ी रहती हैं। जिसके चलते जाम की स्थिति बनी रहती है तथा अक्सर दुर्घटनाएं भी होने की चर्चाऐं रहती है। उन्होंने मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई कराने की मांग थी। मालूम हो कि खड़ौली में अक्सर कब्जे किए जा रहे है। जिसके चलते वहाँ आए दिन जाम लगा रहता है।
खड़ौली ईदगाह के समीप बनाए जा रहे अवैध वन फारर होटल के खिलाफ भाजपा के पूर्व विधायक ही नहीं कई अन्य आवाजें भी उठ रही हैं। अनेक आरटीआई एक्टिविस्ट ने इसको लेकर मेरठ विकास प्राधिकरण प्रशासन से जवाब मांगा है। साथ ही इसको लेकर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को भी कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है। दरअसल, यह मामला सिंचाई विभाग की जमीन पर कब्जा करन लिए जाने के बाद अब और भी ज्यादा गंभीर हो गया है।
दरअसल इस अवैध निर्माण की वजह से पहली बात तो यह है कि यहां से गुजरने वाले हेवी ट्रैफिक का खतरा हो गया है। हाइवे का ईदगाह का इलाका पहले से ही डेजर जोन कहा जाता है। वहां पहले से ही होटलों की वजह से जाम के हालात बने रहते हैं, अब वन फारर बन जाने के बाद हालात और भी ज्यादा खराब हो जाने की संभावनाऐं है। इस अवैध होटल में आने वाले तमाम लोगों की गाड़ियां रोड पर ही पार्क की जाती है। नियमानुसार जहां भी नेशनल हाइवे गुजरते हैं वहां रोड पर पार्किंग की मनाही होती है। लेकिन यहां तो विकास प्राधिकरण अधिकारियों तथा एनएचएआई के मेरठ में बैठने वाले अफसरों ने भ्रष्टाचार के चलते हाइवे पर ही पार्किंग का इंतजाम कर दिया है। इन अफसरों की यह कारगुजारी इस होटल की वजह से पुलिस और नागरिक के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है।