केरल 05 दिसंबर। कहते हैं कि इंसान के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। वह जो चाहे कर सकता है। अगर मजबूत इच्छाशक्ति हो तो असंभव को भी संभव किया जा सकता है। ऐसा ही एक मामला केरल राज्य से आया है। यह मामला उन सभी लोगों के लिए प्रेरणादायी है जो हार मान चुके हैं और जिंदगी से निराश हो चुके हैं। केरल में बिना हाथों के ही पैदा हुई महिला अब कार चलाएगी।
महिला का नाम जिलुमॉल थॉमस है और उसकी उम्र 32 साल की है। वह एक फ्रीलांस डिजाइनर हैं। जब वह पैदा हुई तो उसके हाथ ही नहीं थे। इसे जाकर घर के लोगों को बहुत दुख हुआ और सभी इस बात की चिंता करने लगे कि कैसे उसका जीवन चलेगा, लेकिन महिला ने सभी को गलत साबित करते हुए एक ऐसा कमाल कर दिया है जिसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है।
जिलुमॉल थामस को चार पहिया वाहन का ड्राइविंग लाइसेंस मिला है। उनका सपना था कि वह पैरों का इस्तेमाल करके गाड़ी चलाएंगी। लाइसेंस हासिल करने के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ा। पहले तो कुछ लोग इस बात पर हंसते रहे, लेकिन आज हंसने वालों का मुंह बंद हो गया है। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने 6 साल तक बहुत मेहनत की। महिला को ड्राइविंग लाइसेंस के डॉक्यूमेंट्स खुद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सौंपा है।
महिला ने इसपर कहा है कि वह बहुत उत्साहित और खुश हैं। इस रास्ते में पहली बाधा तब दूर हुई थी जब एक ड्राइविंग स्कूल में उनका रजिस्ट्रेशन हो गया था। वहीं इसपर केरल के मोटर व्हीकल विभाग ने कहा है कि वह एशिया की पहली ऐसी महिला हैं जिसे बिना हाथों के ड्राइविंग लाइसेंस मिला है। वह कार अपने पैरों के इस्तेमाल और वॉइस कमांड सिस्टम के जरिए चलाती हैं।