परीक्षितगढ़ 30 जुलाई (प्र)। नगर में परीक्षितगढ़-किठौर मार्ग स्थित संगम अस्पताल में प्रसव के अगले रोज महिला का अधिक रक्तस्त्राव होने से मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल व चिकित्सकों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को शांत किया। परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी।
थाना क्षेत्र के गांव नारंगपुर निवासी नंद किशोर के पुत्र विपिन की पत्नी ललीता (22) की प्रसव पीड़ा होने पर गांव की आशा सुशीला से ललीता को प्रसव कराने के लिए सीएचसी लेकर पहुंची, लेकिन ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स ने महिला की हालत खराब होने पर प्राइवेट अस्पताल में उपचार कराने की बात कही। जिस पर परिजन नगर के किठौर-परीक्षितगढ़ मार्ग स्थित संगम अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां रविवार की रात चिकित्सकों द्वारा आॅपरेशन किया गया। जहां महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया,
लेकिन अगले रोज सोमवार सुबह अचानक महिला की हालत बिगड़ने पर अधिक रक्तस्त्राव होने पर महिला ने कुछ ही देर बाद दम तोड़ दिया। महिला के मौत पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करते हुए बिना चिकित्सक के स्टाफ पर लापरवाही से उपचार करने का आरोप लगाया तथा परिजनों ने थाने पर अस्पताल संचालक के खिलाफ तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग की। महिला के ससुराल पक्ष के लोगों ने मायके वालों को ललीता की मौत की जानकारी दी।
जिस पर मायके पक्ष ने ससुराल पक्ष के लोगों पर उत्पीड़न कर हत्या का आरोप लगाया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिला के शव का पंचनामा भरने का प्रयास किया, लेकिन दोनों पक्षों में एक घंटा तक चली बहस के बाद महिला के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराने पर दोनों पक्षों में आपसी समझौता हो गया। वहीं, ग्राम प्रधान शाब्बे सिंह ने आरोप लगाया कि सीएचसी पर तैनात आशाएं कमीशन के लालच में गर्भवती महिला को प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जांच कर आशाओं पर कार्रवाई करनी चाहिए।
इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डा. रवि शंकर शर्मा ने बताया कि गर्भवती की हालत चिंताजनक होने पर ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स द्वारा मेडिकल व जिला अस्पताल को मरीज को रेफर करने की बात कही गई थी, लेकिन परिजन अपनी मर्जी से प्राइवेट अस्पताल ले गए। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उधर, थाना प्रभारी विजय बहादुर ने बताया कि मायके व ससुराल पक्ष के लोगों में आपसी समझौते में पोस्टमार्टम न कराने की बात कही, जिस पर महिला के शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
परिजनों का आरोप है कि गर्भवती ललीता को सीएचसी लेकर पहुंचे तथा सीएचसी पर ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स ने ललीता की हालत नाजुक होने पर जिला अस्पताल और मेडिकल के लिए रेफर लेटर बनाने के बजाए, नगर के प्राइवेट अस्पताल ले जाने की सलाह दी।