मेरठ 13 मई (प्र)। मेरठ जिले में बजट के अभाव में दस साल से अधूरे पड़े अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विकास कार्यों को अब पूरा कराया जाएगा। शासन की ओर से स्कूल, कॉलेज, महिला डिग्री कॉलेज, आईटीआई के निर्माण के लिए अंतिम किस्त भेजी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसी वर्ष अधिकांश निर्माण कार्यों को पूरा कराया जाएगा।
समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान अल्पसंख्यकों के लिए स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण की घोषणा की गई थी। इन सभी विकास कार्यों के निर्माण की जिम्मेदारी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को दी गई थी। माछरा में राजकीय आईटीआई के निर्माण की घोषणा 2014 में हुई थी। करीब दस करोड़ की लागत से बनने वाली आईटीआई का निर्माण आर्य अभी भी अधूरा है। सिवाल में बनने वाला महिला डिग्री कॉलेज का निर्माण भी पूरा नहीं हो सका। वर्ष 2015 में 4.78 करोड़ की लागत से इस कॉलेज को बनाने की घोषणा हुई थी। फफूंडा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की घोषणा 2016 में हुई थी। करीब 4.72 करोड़ में बनने वाले इस स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण अभी अधूरा है।
दो कॉलेज और अस्पताल बने एक दशक बाद भेजा गया बजट शासन से पास होकर धनराशि आने के बाद राजकीय इंटर कॉलेज रसूलपुर घीलरी और राजकीय इंटर कॉलेज नानू का निर्माण कार्य पूरा हुआ है। खिवाई में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी बन कर पूरा हुआ है। सीएनडीएस उप्र जल निगम ने अल्पसंख्यक विभाग को सौंप दिए है।
बजट कम होने से समय से नहीं हो सके काम पूरे
करीब एक दशक पहले जब इन विकास कार्यों की घोषणा हुई थी। तब इन परियोजनाओं की लागत की स्वीकृति भी कर दी थी। सपा सरकार के बाद जब प्रदेश में भाजपा सरकार आई तो अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की इन परियोजनाओं पर ब्रेक लग गया। कुछ साल बाद इनका संज्ञान लिया गया तब और अब की लागत में काफी अंतर आने के कारण भी इनका निर्माण बीच में रुक गया। बाद में कार्यदायी संस्था ने नया बजट बना कर शासन को भेजा। उनके मंजूर होने और धनराशि जारी होने पर निर्माण कार्य फिर से शुरू हो सके।