वलसाड 05 दिसंबर। लाखों रुपये जेब में थे, फिर भी वह भूख से मर गया। यह खुलासा मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ। 2 दिन से लाइब्रेरी के बाहर पड़ा था, लेकिन किसी ने इतनी इंसानियत नहीं दिखाई कि उसे अस्पताल पहुंचा दे। आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। कोई हरकत न देख लोगों ने पुलिस बुलाई। पुलिस ने मौके पर आकर शव को कब्जे में लिया। तलाशी में भिखारी की जेब से 500, 200 और 100 रुपये के नोटों की गड्डियां मिलीं। करीब सवा लाख रुपये कैश था। घटना 2 दिन पुरानी है, लेकिन मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह भूख सामने आई तो पुलिसवाले भी चौंक गए।
खबर के अनुसार, मृतक की उम्र करीब 50 साल है, लेकिन वह कौन है और कहां का रहने वाला है, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। मामला गुजरात के वलसाड इलाके का है। लोगों ने जब पुलिस को बुलाया तो उसे अस्पताल तक ले जाया गया, लेकिन उसकी नहीं बचाई जा सकी। रविवार को एक दुकानदार ने 108 नंबर पर कॉल करके बताया कि एक भिखारी पिछले कुछ दिनों से गांधी पुस्तकालय के पास सड़क किनारे एक ही पॉजिशन में पड़ा है। पहले उसमें हरकत थी, लेकिन अब वह बिल्कुल शांत है। किसी अनहोनी की आशंका से उसने 108 नंबर पर कॉल किया है। दुकानदार की बात सुनकर एंबुलेंस वाले ने पुलिस भी बुला ली।
वलसाड अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं देने वाले भावेश पटेल और उनकी टीम मौके पर पहुंची। उन्हें दुकान ने बताया कि भिखारी में कोई हलचल नहीं है। पुलिस की मौजूदगी में शव कब्जे में लिया गया। इस दौरान तलाशी में 1.14 लाख कैश मिला। इसमें 500 रुपये के 38, 200 रुपये के 83, 100 रुपये के 537 नोट और 20 और 10 रुपये के नोट थे। कैश छोटे प्लास्टिक बैग में मृतक के स्वेटर की जेब में थे। वलसाड सिविल अस्पताल के डॉ. कृष्णा पटेल ने कहा कि जब बुजुर्ग को अस्पताल लाया गया तो उसने चाय मांगी। हमें लगा कि वह भूखा है और उसका ब्लड शुगर लेवल कम हो गया है। हमने सलाइन डाली और इलाज शुरू किया, लेकिन एक घंटे बाद उसकी मौत हो गई।