लखनऊ 29 सितंबर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उत्तर प्रदेश के शतप्रतिसत(100%) गांवों ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण के तहत ओडीएफ प्लस का दर्जा प्राप्त किया है. ओडीएफ प्लस ऐसे गावों को कहा जाता है, जो ठोस या तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को लागू करने के साथ-साथ अपनी खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बरकरार रखा है. अभी तक, पूरे देश भर में 4.4 लाख (75%) गांव ऐसे हैं जो खुद को ओडीएफ प्लस घोषित कर चुके हैं. यह 2024-25 तक एसबीएम-जी चरण 2 के लक्ष्यों को पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
1 जनवरी 2023 तक, उत्तर प्रदेश में केवल 15,088 ही ऐसे गांव थे जिन्हें ओडीएफ प्लस घोषित किया गया था. तब से अब तक केवल 9 महीने में 80,000 से अधिक गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल कर लिया है. और इसके परिणामस्वरूप ओडीएफ प्लस की उपलब्धि हासिल हुई है. प्रदेश के 95,767 ओडीएफ प्लस गांवों में से 81,744 गांव ओडीएफ प्लस आकांक्षी गांव हैं, ये ऐसे गांव हैं जहां ठोस अपशिष्ट प्रबंधन या तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था है. 10,217 गांव ओडीएफ प्लस राइजिंग गांव हैं जिनमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था है और 3,806 गांव ओडीएफ प्लस मॉडल गांव हैं.
100% की यह उपलब्धि पूरे देश में संचालित हो रहे स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) – 2023 अभियान के दौरान हासिल की गई है. इस वर्ष अब तक, लगभग 88 लाख लोगों ने बड़े पैमाने पर इसमें हिस्सा लिया और श्रमदान किया है, जिससे ओडीएफ प्लस स्थिति की उपलब्धि में तेजी आई है. साथ ही पूरे राज्य में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, पंचायत सहायक और सफाई कर्मियों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया है.