मेरठ 14 जनवरी (प्र)। सीसीएसयू में सत्यापन के लिए आईं 13 डिग्रियां फर्जी निकली। इनमें आठ डिग्री एलएलबी और पांच बीए-एलएलबी की हैं। ये डिग्री दिल्ली बार एसोसिएशन की ओर से सीसीएसयू को जांच के भेजी गई थीं। ये डिग्री मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर और मुजफ्फरनगर जिलों के एडेड कॉलेजों की हैं।
सीसीएसयू से लॉ करने वाले तमाम स्टूडेंट देश के सभी राज्यों में रजिस्ट्रेशन करते हैं। ऐसे में उनकी डिग्री को जहां पर रजिस्ट्रेशन करना होता है वहां का बार काउंसिल सीसीएसयू में जांच के लिए भेजता है। अगर उसका रिकॉर्ड नहीं मिलता है तो उस डिग्री को फर्जी माना जाता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें जांच के लिए लगातार एलएलबी की डिग्री आती रहती हैं।
सीसीएसयू में हर महीने डेढ़ से दो हजार के बीच डिग्री-मार्कशीट तमाम राज्यों से जांच के लिए आती हैं। एक मार्कशीट या डिग्री की जांच कराने के लिए 350 रुपये शुल्क है। इसके बाद विवि प्रशासन अपने रिकॉर्ड में यह जांच करता है कि जो डिग्री आई है, उसका वहां रिकॉर्ड है या नहीं। अगर रिकॉर्ड नहीं मिलता है तो साफ हो जाता है कि उसे किसी ने बाहर कहीं से कंप्यूटर से फर्जी बनवा लिया है।
जब कोई युवा सरकारी या प्राइवेट नौकरी पाता है तो उसके प्रमाण पत्रों का संबंधित विश्वविद्यालय से सत्यापन कराया जाता है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) में रोजाना 30 से 40 डिग्री-मार्कशीट सत्यापन के लिए आती हैं।
झांसे में ना आएं छात्र
विवि प्रशासन के अनुसार छात्र किसी के झांसे में न आएं। विवि में प्रवेश प्रक्रिया से लेकर परीक्षा फॉर्म तक सब ऑनलाइन है और तय प्रक्रिया से ही आवेदन होते हैं। यदि कोई छात्र विवि में प्रवेश लेना चाहता है तो निर्धारित प्रक्रिया को पूरा करके ही प्रवेश ले। फिलहाल विवि का मुख्यालय मेरठ में है और अन्य किसी भी जिले में कोई अधिकृत कार्यालय नहीं है। चौ.चरण सिंह विवि से संबद्ध छह जिलों में कॉलेजों की सूची वेबसाइट पर मौजूद है। ये कॉलेज विवि से जारी मेरिट से प्रवेश लेते हैं और परीक्षा फॉर्म भरवाते हैं। विवि के अनुसार छात्र किसी भी तरह के प्रवेश, आवेदन या परीक्षा से पहले अधिकृत वेबसाइट से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर लें अथवा विवि कैंपस में आकर पता कर लें।
विभिन्न राज्यों से जांच को आ रही मार्कशीट
बार काउंसिल में पंजीकरण कराने वाले सभी छात्रों की मार्कशीट की जांच अनिवार्य है। इसी क्रम में विभिन्न राज्यों की बार काउंसिल से विवि कैंपस में लगातार मार्कशीट सत्यापन को पहुंच रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी विवि को प्राथमिकता से प्रमाण पत्रों के सत्यापन के निर्देश दिए हुए हैं।