मेरठ 02 सितंबर (प्र)। मेरठ में 17 अगस्त की रात मेरठ-करनाल हाईवे के भूनी टोल प्लाजा पर सेना के जवान को कर्मियों ने पीटा। फिर 18 अगस्त को नाराज लोगों ने टोल प्लाजा पर तोड़फोड़ कर दी। अब मेरठ के सरुरपुर थाने में उस वक्त टोल प्लाजा का संचालन करने वाली कंपनी धर्मसिंह एंड संस के आईटी हेड की ओर से 180 लोगों पर मुकदमा कराया गया है।
तहरीर के अनुसार, भीड़ ने बैरियर बूम, कैमरे, कंप्यूटर सिस्टम, एलसीडी डिस्प्ले, रीडिंग सेंसर और बूथों को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद कंट्रोल रूम में घुसकर कैमरे, एसी, फर्नीचर और अन्य उपकरण तोड़ डाले। रोड जाम से राजस्व का भारी नुकसान हुआ।
इस दौरान टोल प्लाजा को जबरन फ्री करा दिया गया। तोड़फोड़ करीब छह घंटे तक चली, जिससे राजस्व की भारी क्षति हुई और यात्रियों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके आधार पर पुलिस ने 150 से 180 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस घटना वाले दिन के सीसीटीवी फुटेज चेक कर रही है।
भूनी टोल प्लाजा को संचालित करने वाली कंपनी एम/एस धर्मसिंह कान्ट्रैक्टर के आईटी हेड अमित कुमार ने FIR दर्ज कराई है। बताया- 17 अगस्त को शाम समय करीब 8 बजे ब्रीजा कार UP37W8504 से चार लोग शामली की तरफ से मेरठ की तरफ जा रहे थे। उक्त कार को टोल से जल्दी निकलने को लेकर कार सवार व्यक्तियों का टोल कर्मियों से विवाद हुआ। विवाद के कारण कार सवार लोगों को चोट आई थी।
इसके बार कार सवार लोगों के समर्थक गांव से 20.30 बजे टोल प्लाजा पर आए और टोल कर्मियों के साथ मारपीट की। कार सवार व्यक्तियों के साथ मारपीट करने के संबंध में थाना सरूरपुर में मुकदमा लिखा गया ।
पुलिस द्वारा मारपीट करने वाले 8 लोगों को अबतक ने जेल भेजा जा चुका है। 17 अगस्त को टोल प्लाजा पर हुए विवाद को लेकर अगले दिन 18 अगस्त को आसपास के गांवों से करीब 150 से 180 लोगों भूनी टोल प्लाजा पर एक राय होकर समय करीब 12 बजे आए। टोल प्लाजा पर जनरेटर रूम से आगे शामली की तरफ सार्वजनिक रोड के बाधित करते हुए रोड पर बैठ गए। धरना देते हुए नारेबाजी करने लगे।
आईटी हेड अमित कुमार ने बताया- कुछ समय पश्चात रोड पर धरने पर बैठे लोग टोल प्लाजा पर तोड़फोड़ करने की बात करने लगे और एकाएक धरने पर बैठी भीड़ नारे बाजी करते हुए उग्र होकर अपने हाथों में लाठी डंडे लेकर प्लाजा पर लाइन नंबर की तरफ बढ़े। टोल पर लगे बैरियर बूम, एलसीडी डिस्प्ले, लेन पर लगे कैमरे, बूथ के अंदर गले कम्प्यूटर सिस्टम, यूएफडी, रीडिंग सेन्सर और अन्य उपकरण को तोड़ने गले।
भीड़ ने टोल लाइन 1 से 8 तक के सभी उपकरणों को तोड़ कर भारी क्षति पहुंचाई। इसके बाद भीड़ सड़क किनारे बने टोल प्लाजा के कंट्रोल रूम में जबरदस्ती घुसकर कंट्रोल रूम में लगे उपकरण कम्प्यूटर सिस्टम, कैमरा, एलसीडी डिस्पले, एसी, खिड़की दरवाजे, फर्नीचर और अन्य उपकरण को तोड़ दिया। राज्यमार्ग को टोल फ्री कर दिया गया। इस तोड़फोड़ में संपत्ति को हानि हुई। धरना, रोड जाम और तोड़फोड़ की घटना टोल प्लाजा पर दोपहर 12 से शाम 6 बजे तक चली। यह सम्पूर्ण घटना टोल प्लाजा पर लगे कैमरों में रिकार्ड हुई, जोकि सुरक्षित है।
घटना के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कार्रवाई करते हुए टोल कलेक्शन एजेंसी, मेसर्स धरम सिंह एंड कंपनी पर 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया गया था।
