मेरठ 28 जुलाई (प्र)। वर्ल्ड हैड एवं नेक कैंसर डे के अवसर पर मेरठ कैंसर हॉस्पिटल के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. उमंग मित्तल ने कहा कि देश में 25 से 30 प्रतिशत कैंसर रोगी मुंह और गले के कैंसर के रोगी हैं। उन्होंने लोगों से शराब, तंबाकू, गुटखा आदि से बचने की अपील की। डॉ. उमंग मित्तल ने कहा कि सर्वाधिक कैंसर तंबाकू के सेवन से होता है। इसके अलावा शराब का सेवन करने से भी बड़ी संख्या में लोग कैंसर का शिकार हो जाते हैं। बीड़ी सिगरेट के साथ साथ सुपारी के सेवन से भी कैंसर होता है। मुंह की अच्छी तरह सफाई न करने से भी कैंसर हो सकता है। एसपीजी वायरस से भी कैंसर हो सकता है। इसके अलावा लकड़ी और कपड़े के उद्योग में काम करने से भी कैंसर हो सकता है। क्योंकि लकड़ी और कपड़े के उद्योग में कुछ खतरनाक कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। मुंह और गले के कैंसर में आधा हिस्सा मुंह का होता है और आधा हिस्सा गले का होता है। मुंह और गले का कैंसर रोग 80 से 90 प्रतिशत तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट और शराब का सेवन से होता है। कैंसर शुरू में पता चल सकता है। यदि कैंसर के लक्षण नजर आए तो तुरंत कैंसर रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। अर्ली स्टेज में 95 प्रतिशत कैंसर के रोगी पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। इसके लिए लोगों को चाहिए कि वे शराब, तंबाकू, सिगरेट व बीड़ी का सेवन नहीं करना है। एसपीजी वायरस के टीके लगवाएं।
मुंह व गले के कैंसर के लक्षण
1.मुंह में सफेदी या लाल पन होना।
2.मुंह से खून का आना।
3.आवाज में कोई बदलाव होना।
4.गले में कोई गांठ होना।
5.नाक से खून आना।