Thursday, July 31

मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ लखनऊ में FIR, सांसद डिंपल यादव पर की थी अभद्र टिप्पणी

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लखनऊ 28 जुलाई। लखनऊ में ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। उन पर समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी करने तथा धार्मिक वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया गया है। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब मौलाना साजिद रशीदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने डिंपल यादव के पहनावे और मस्जिद में उनके व्यवहार को लेकर विवादास्पद बयान दिए थे।

27 जुलाई 2025 को सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में मौलाना साजिद रशीदी ने सपा सांसद डिंपल यादव के दिल्ली के संसद मार्ग स्थित मस्जिद में दौरे के दौरान उनके पहनावे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। वीडियो में मौलाना ने कथित तौर पर डिंपल यादव के लिए ‘नंगी बैठी थी’ और ‘आपत्तिजनक स्थिति में थी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिसे समाजवादी पार्टी और उनके समर्थकों ने महिला की गरिमा के खिलाफ और धार्मिक वैमनस्य को बढ़ावा देने वाला बताया। इस बयान ने यूपी के राजनीतिक गलियारों में विवाद को जन्म दिया।

लखनऊ पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ विभूतिखंड थाने में BNS की धारा 79, 196, 197, 292, 352, 353 और IT एक्ट की धारा 67 के तहत FIR दर्ज कराई गई है। यह एफआईआर लखनऊ के रहने वाले प्रवेश यादव नाम के व्यक्ति ने कराई है। तहरीर में बताया गया है कि मौलाना की टिप्पणियां महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली हैं।

उधर, संसद भवन परिसर में एआईआईए अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी द्वारा खुद पर की गई अपमानजनक टिप्पणी और उस पर भाजपा के विरोध पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि बेहतर होता अगर वे (एनडीए के सांसद) मणिपुर की घटना पर विरोध करते, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए।
उन्होंने आगे कहा कि बेहतर होता अगर वे मणिपुर की महिलाओं के साथ खड़े होते। जिस तरह से भाजपा के नेताओं ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे सैन्य अधिकारियों पर बयान दिए, बेहतर होता अगर वे (एनडीए) उनके साथ खड़े होते।

हालांकि, सपा और अखिलेश यादव की ओर से मौलाना साजिद रशीदी के बयान पर तत्काल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई, जिसके कारण कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने सपा पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। कुछ यूजर्स ने सवाल उठाया कि अखिलेश यादव अपनी पत्नी के सम्मान पर चुप क्यों हैं। दूसरी ओर, सपा समर्थकों ने मौलाना साजिद को भाजपा का एजेंट बताते हुए इस मामले को सपा के खिलाफ साजिश करार दिया है।

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