Monday, June 2

इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए 409 करोड़ जारी, मई से शुरू होगी प्लॉटिंग

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मेरठ 01 अप्रैल (प्र)। प्रदेश की पहली इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए शासन ने 409 करोड़ रुपये और जारी कर दिए हैं। इससे पहले 200 करोड़ रुपये की धनराशि दो बार जारी की जा चुकी है यह टाउनशिप वेस्ट यूपी का केंद्र बनकर उभरेगी। इसमें विश्वस्तरीय सुविधाएं होंगी । मेरठ विकास प्राधिकरण की ओर से बनने वाली टाउनशिप को 31 जोन में विकसित किया जाएगा, जिसमें हाइवे के साथ ही ग्रामीण इलाकों में फीडर मार्ग से कनेक्टिविटी होगी।

मेडा दिल्ली रोड पर दो पेज में इस टाउनशिप को विकसित करेगा पहले फेज के अंतर्गत दिल्ली रोड पर परतापुर के पास 142 हेक्टेयर में इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित होगी टाउनशिप जहां विकसित की जाएगी, वहां स्पेशल डेवलपमेंट एरिया (एसडीए) प्रस्तावित है।

एनसीआरटीसी ने यहां मिश्रित भू उपयोग रखा गया है। यहां रिहाइश के साथ ही औद्योगिक गतिविधियां भी होंगी। मेरठ साउथ स्टेशन पर रैपिड और मेट्रो दोनों ही ट्रेनों की सुविधा यात्रियों को मिलेगी। रैपिड लगातार चल रही है। यहां से ट्रेन बदलकर आसानी से सफर किया जा सकेगा।

इसके अलावा यहां बस टर्मिनल भी बनाया जाएगा, जिसका काम जल्द शुरू होने की संभावना है। दिल्ली रोड पर बनने वाली यह टाउनशिप शहर के एक छोर पर होगी, जहां से गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, दिल्ली, फरीदाबाद आदि शहरों में पहुंचना आसान होगा। इसी के साथ यहां न केवल लोग रहेंगे बल्कि उद्योग भी चलेंगे।

सात करोड़ में खरीदी जमीन, आईटी सेक्टर भी बनेगा
करीब सात करोड़ रुपये से 100 हेक्टेयर से अधिक जमीन खरीदी जा चुकी है। इसमें आईटी सेक्टर भी होगा मेडा के मुख्य नगर नियोजक विजय कुमार सिंह ने बताया कि टाउनशिप के लिए पूर्व में दो बार 200-200 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। अब 409 करोड़ रुपये का बजट और जारी किया गया है।

एक्सप्रेसवे और रैपिड स्टेशन के पास होगी टाउनशिप, आना-जाना होगा आसान
इस टाउनशिप की खासियत होगी कि शहर के साथ ही आसपास के जनपदों से भी यहां आना-जाना बेहद आसान होगा। इसे हाइवे से जोड़ने के साथ ही आसपास के गांवों को भी फीडर मार्ग के जरिए लिंक किया जाएगा।

दिल्ली-जेवर से कनेक्टिविटी से निर्यात में होगी आसानी
आरआरटीएस स्टेशन, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, मोहिउद्दीनपुर स्टेशन की दूरी यहां से महज डेढ़ किमी रहेगी। सिटी स्टेशन से दस और परतापुर से चार किमी. की दूरी रहेगी। ऐसे में यहां तैयार सामान को बाजार भी सुलभता से मिलेगा। वहीं जून तक मोदीपुरम से पूरे मेरठ में रैपिड शुरू होने का लक्ष्य है। दिल्ली व जेवर से कनेक्टिविटी से दुनियाभर में सामान निर्यात किया जा सकेगा।

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