Tuesday, October 14

जीवन रक्षक दवाओं के नाम पर बेच रहे थे चूरन की गोली, 6 गिरफ्तार

Pinterest LinkedIn Tumblr +

नई दिल्ली 07 अगस्त। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जीवन रक्षक दवाओं की आड़ में सफेद चूरन से बनी नकली टैबलेट और कैप्सूल बेचने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह नामी कंपनियों के नाम पर जीवन रक्षक दवाएं बेचता था।

पुलिस ने सरगना समेत छह आरोपियों को दबोचा है। गिरोह छह वर्षों से दिल्ली-एनसीआर, यूपी, हिमाचल और हरियाणा के मेडिकल स्टोर्स को नकली दवाएं सप्लाई कर रहा था। इनके कब्जे से विभिन्न ब्रांड की कंपनियों के करीब एक लाख नकली टैबलेट और कैप्सूल बरामद हुए हैं। ज्वाइंट सीपी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि गैंग का नेटवर्क यूपी के मुरादाबाद, देवरिया, गोरखपुर, हरियाणा के पानीपत, जींद और हिमाचल के बद्दी और सोलन में फैला था। जींद और बद्दी की दो फैक्टरियों में नकली जीवन रक्षक दवाओं का निर्माण और पैकेजिंग हो रही थी। बड़ी कंपनियों के नाम पर दवाओं का निर्माण हो रहा था। एजीएस को 30 जुलाई को इनपुट मिला। इसी के बाद दिल्ली के श्यामनाथ मार्ग सिविल लाइन्स स्थित एचपी सीएनजी पेट्रोल पंप पर पुलिस ने पहरा डाला।

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में राजेश मिश्रा (52), परमानंद (50), मोहम्मद आलम (35), मोहम्मद सलीम (42), मोहम्मद जुवैर (29) और प्रेम शंकर प्रजापति (25) शामिल हैं. पुलिस ने सभी आरोपियों से हिरासत में पूछताछ शुरू कर दी है.

डीसीपी (क्राइम) हर्ष इंदौरा ने जानकारी दी कि यह सिंडिकेट सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करके सप्लायरों और ग्राहकों के साथ संपर्क स्थापित करता था. वित्तीय लेन-देन के लिए हवाला और फर्जी खातों का सहारा लिया जाता था. इस रैकेट में शामिल लोग जॉनसन एंड जॉनसन, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन और एल्केम जैसी प्रतिष्ठित दवा कंपनियों के ब्रांड नामों का उपयोग करके नकली दवाएं तैयार कर रहे थे.

डीसीपी ने जानकारी दी कि आरोपियों के मोबाइल फोन में ‘कोमल जी करनाल’, ‘अमित जैन स्किनशाइन दिल्ली’, और ‘पप्पी भैया जीकेपी’ जैसे उपनाम पाए गए, जो नेटवर्क छिपाने की योजना का संकेत देते हैं. छापेमारी के दौरान हरियाणा के जींद और हिमाचल प्रदेश के बद्दी में दो गुप्त फैक्ट्रियों का पता चला, जहां अल्ट्रासेट, ऑगमेंटिन 625, पैन-40 और बेटनोवेट-एन स्किन क्रीम जैसी नकली दवाएं बनाई जा रही थीं. परमानंद नामक व्यक्ति जींद में लक्ष्मी मां फार्मा के नाम से एक यूनिट चला रहा था, जिसके पास कोई वैध लाइसेंस नहीं था.

पुलिस ने एक छापेमारी के दौरान विभिन्न दवाओं का बड़ा स्टॉक बरामद किया है, जिसमें अल्ट्रासेट (9015 गोलियां), ऑगमेंटिन 625 (6100 गोलियां), पैन-40 (1200 गोलियां), बेटनोवेट-एन क्रीम (1166 ट्यूबें), एमोक्सिसिलिन (25650 गोलियां), पीसीएम (5900 गोलियां), पैन-डीएसआर (2700 गोलियां), स्टेरॉयड इंजेक्शन कैनाकोर्ट (74 डिब्बे), प्रोयको स्पास (12000 गोलियां) और अन्य दवाएं शामिल हैं. इसके साथ ही, पैकिंग मशीन, 150 किलो खुली गोलियां, 20 किलो कैप्सूल और असली ब्रांड की नकल के लिए सैकड़ों खाली डिब्बे भी जब्त किए गए हैं.

Share.

About Author

Leave A Reply