Sunday, December 1

बिहार में 75 फीसदी आरक्षण लागू, अधिसूचना जारी

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पटना 22 नवंबर। बिहार में अब 75 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा. बिहार की नीतीश कुमार की सरकार ने इसको लेकर गजट प्रकाशित कर दिया है. यानी अब से शिक्षण संस्थानों और नौकरी में अनुसूचित जाति/जनजाति, ईबीसी और ओबीसी को 75 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा. मंगलवार (21 नवंबर) से इसे लागू कर दिया गया है. बिहार सरकार ने आरक्षण की सीमा में 15 फीसदी का इजाफा किया है.

बता दें कि बिहार सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 पेश किया था. 9 नवंबर को इसे दोनों सदन से पास किया गया था. इसमें आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 फीसदी करने का प्रावधान था. इस बिल को राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी अपना समर्थन दिया था. दिल्ली से लौटते ही राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने रिजर्वेशन बिल-2023 पर अपनी मुहर लगा दी.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 नवंबर को सदन में घोषणा की थी कि बिहार में आरक्षण के दायरे को बढ़ाया जाएगा. बिहार में 60 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था को बढ़ाकर 75 फीसदी करने का एलान सीएम ने किया था. इस एलान के तुरंत बाद ही नीतीश कुमार ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई थी. ढाई घंटे के भीतर ही कैबिनेट ने आरक्षण के दायरे को बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी. इसके बाद 9 नवंबर को दोनों सदनों से इसे पारित किया गया था.

बिल के लागू होने के बाद बिहार में एससी को 20 फीसदी, एसटी को दो फीसदी. अति पिछड़ा को 25 फीसदी और पिछड़े वर्ग को 18 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाला 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान लागू रहेगा. शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरी में पिछले, दलित और महादलित को इस आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस वर्ग के छात्रों को सरकारी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में इसका फायदा होगा.

बताते चले कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 और अन्य वर्गों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण पहले से दिया जा रहा था। अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों को संख्या के अनुसार आरक्षण का प्रविधान है। जाति आधारित गणना में उनकी आबादी करीब 22 प्रतिशत है। इसलिए 22 प्रतिशत आरक्षण का भी प्रविधान किया गया है। -सरकारी सेवाओं एवं दाखिले में आरक्षण -अनुसूचित जातियां-20 प्रतिशत-अनुसूचित जनजातियां-02 प्रतिशत-अत्यंत पिछड़ा वर्ग-25 प्रतिशत-पिछड़ा वर्ग-18 प्रतिशत-खुला गुणागुण कोटि-35 प्रतिशत (इसमें 10 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए)।

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