Monday, December 23

एनसीआरटीसी ने ली भैंसाली बस अड्डे की जमीन, अब यहां से मिलेंगी नोएडा-देहरादून की बसें

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मेरठ 13 जुलाई (प्र)। जाम का कारण बन रहा भैंसाली बस अड्डा शहर से बाहर शिफ्ट होगा। इसके बदले में दो बस अड्डे (टर्मिनल) बनेंगे। एक बस टर्मिनल दिल्ली रोड पर नमो भारत ट्रेन के मेरठ साउथ स्टेशन के नजदीक बनेगा। यहां से नोएडा की बस मिलेगी। दूसरा बस टर्मिनल व बस मेंटीनेंस डिपो दिल्ली-देहरादून हाईवे पर मोदीपुरम स्टेशन के नजदीक बनेगा।

दोनों बस टर्मिनल व एक बस डिपो बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने टेंडर आमंत्रित किया है। एनसीआरटीसी ने इसे दो साल में तैयार करने का लक्ष्य रखा है। आमंत्रित टेंडर में स्ट्रक्चर डिजाइन, आर्किटेक्चर, एमईपी (मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग कार्य) व अग्निशमन व अन्य संबंधित कार्य शामिल हैं। इसके लिए 23 जुलाई से बिड डाली जा सकेगी। आठ अगस्त बिड डालने की अंतिम तिथि है। नौ अगस्त को बिड खोली जाएगी।

आरआरटीएस कारिडोर के स्टेशनों पर सौर ऊर्जा पैनल स्थापित किए जाएंगे। सभी स्टेशनों को मिलाकर जो सौर ऊर्जा पैनल स्थापित होंगे उससे 4.9 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इस कार्य के लिए एनसीआरटीसी ने टेंडर आमंत्रित किया है। गौरतलब है कि एनसीआरटीसी अपनी परियोजना की कुल बिजली आवश्यकता की 70 प्रतिशत बिजली सौर ऊर्जा से उत्पन्न करेगा। इसके लिए पूरी परियोजना में विभिन्न स्थानों पर सौर ऊर्जा पैनल स्थापित किए जाएंगे।
भैंसाली बस अड्डे को बाहर किया जाएगा। उस जमीन का उपयोग एनसीआरटीसी अपनी परियोजना आरआरटीएस कारिडोर के लिए करेगा। इस जमीन के बदले में ही एनसीआरटीसी दो स्थानों पर बस अड्डा बनाएगा।

सोहराब गेट बस स्टैंड की भी बदलेगी सूरत
गढ़ रोड स्थित सोहराब गेट बस अड्डा भी लखनऊ के आलमबाग बस स्टैंड की तरह नजर आएगा। मुख्यालय से पीपीपी माडल के तहत अड्डे को विकसित करने के लिए फर्म का चयन कर लिया गया है। पिछले पांच-छह साल से निविदा प्रक्रिया चल रही थी। क्षेत्रीय प्रबंधक संदीप नायक ने बताया कि दिल्ली की एआरटी कंस्ट्रक्शन कंपनी बस अड्डे को विकसित करेगी। डिजायन और लेआउट तैयार करने को कंपनी को एक माह का समय दिया गया है।
11,583 वर्ग मीटर में बस अड्डे को विकसित करने के लिए कंपनी 80 करोड़ रुपये व्यय करेगी। इसमें भूतल पर बसों की पार्किंग, यात्रियों के बैठने के लिए प्रतीक्षालय, पूछताछ कार्यालय, खाने-पीने के स्टाल, शौचालय होगा। यात्रियों के लिए विशाल एलसीडी भी लगाई जाएगी। कंस्ट्रक्शन कंपनी को अड्डे की पहली और दूसरी मंजिल को व्यावसायिक कार्य के लिए प्रयोग करने का अधिकार होगा। इसमें शोरूम, फूड प्लाजा और सिनेमा हाल का निर्माण किया जा सकेगा।

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