मेरठ 13 जुलाई (प्र)। यातायात के लिए जटिल चुनौती बने ई-रिक्शा और आटो को अब क्यूआर कोड के जरिए नियंत्रित करने की तैयारी है। चालकों को रूट निर्धारित कर क्यूआर कोड दिए जाएंगे। एक क्लिक में वाहन का पंजीकरण, फिटनेस और चालक के ड्राइविंग लाइसेंस की जानकारी मिल जाएगी। हर जोन का अलग-अलग क्यूआर कोड होगा, जिससे चालक एक दूसरे के क्षेत्र में न जाएं। बता दें कि मथुरा की यातायात पुलिस ने परिवहन निगम और नगर निगम के साथ मिलकर नगर को जाममुक्त बनाने के लिए ऐसा प्लान लागू किया है।
मेरठ में ई-रिक्शा एवं आटो का अनियंत्रित संचालन जाम की सबसे बड़ी वजह है । अन्य क्षेत्रों के परमिट धारक अनधिकृत रूप से शहर में वाहन संचालित कर रहे हैं। यातायात पुलिस ने ई-रिक्शा संचालन को चार जोन में विभाजित करने पर निर्णय लिया है। प्रत्येक जोन में चलने वाले ई-रिक्शा और आटो पर क्यूआर कोड चस्पा किया जाएगा। यह कोड उन्हीं | चालकों को दिया जाएगा, जो परिवहन निगम की सभी शर्तों का पूरा करते हैं। अगर चालकों के पास क्यूआर कोड नहीं मिला तो वाहन सीज कर लिया जाएगा। वही, टीआइ विनय कुमार शाही का कहना है कि नगर निगम अधिकारियों संग मिलकर ई- रिक्शा व आटो स्टैंड के लिए शहर में 28 जगह चिन्हित की गई है। उच्चाधिकारियों की अनुमति मिलने के बाद इन जगहों को दुरुस्त कर स्टैंड बना दिए जाएंगे।
जयपुर की कंपनी से समझौता : ई-रिक्शा और आटो पर लगने वाले क्यूआर कोड के लिए जयपुर की कंपनी से समझौता हुआ है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि कांवड़ यात्रा के बाद योजना को धरातल पर उतारा जाएगा। बेगमपुल व हापुड़ अड्डे पर सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक ई- रिक्शा व आटो खड़े करने के लिए बनाई गई योजना सफल हुई है। अब अन्य चौराहों पर भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी। ताकि शहर के व्यस्त चौराहे जाम मुक्त हो सकें। माल रोड को सबसे ज्यादा व्यस्त सड़क मार्ग कहा जा रहा है।
ऐसे चलेगा अभियान
• ई-रिक्शा व आटो के लिए शहर में 28 जगह बनेंगे स्टैंड ।
• ई-रिक्शा और आटो के लिए नो पार्किंग जोन चिन्हित किए जाएंगे। – वाहन स्वामियों को पार्किंग स्थल पर गाड़ी खड़ा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
• पार्किंग स्थल पर वाहनों को नहीं खड़ा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।