मेरठ, 13 जुलाई (प्र) मेरठ में नाथ समुदाय के 3 साधुओं को पब्लिक ने फर्जी और संदिग्ध बताकर पकड़ लिया। इतना ही नहीं लोगों ने साधुओं को डंडा दिखाकर डराया और धमकाया। इसके बाद पब्लिक तीनों साधुओं को लेकर पुलिस के पास पहुंची। पुलिस ने साधुओं के आईडी चेक किए। वहीं पूछताछ के आधार पर जांच पड़ताल की तो सारे आरोप गलत निकले।तीनों ही साधु हरियाणा राज्य के यमुनानगर के रहने वाले निकले हैं। उन्हें पुलिस ने छोड़ दिया है।
थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र के प्रह्लाद नगर में लोगों ने 3 साधुओं को पकड़ा। फर्जी साधु बनकर हिंदू समाज को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। लोगों ने बताया- एक साधु ने अपना नाम सोहन बताया। तलाशी लेने पर उसके पास से आधार कार्ड की कॉपी मिली। इसमें उसका नाम शमीम दर्शाया गया। दूसरी की तलाशी में आधार कार्ड पर गौरव नाम दर्शाया गया मगर आधार कार्ड पर फोटो 15 साल के बच्चे की लगी हुई थी।
लोगों ने गैर संप्रदाय का होने का लगाया आरोप
प्रह्लाद नगर वासियों ने थाना पुलिस को ले जाकर तीनों साधुओं को सौंप दिया। लोगों ने बताया- तीनों फर्जी साधु लिसाड़ी गेट क्षेत्र के इस्लामाबाद की ओर से प्रह्लाद नगर मे अलग-अलग स्थानों पर घूम रहे थे और अपने आप को हिंदू बता रहे थे। पूछताछ में तीनों साधु यमुनानगर के बता रहे थे। लोगों ने तीनों साधुओं पर बच्चा चुराने का भी आरोप लगाया। लोगों ने पुलिस से कहा कि ये साधु गैर संप्रदाय के हैं। गलत सूचनाएं दे रहे हैं।
जांच में सही निकले तीनों साधु: इंस्पेक्टर लिसाड़ी गेट जितेंद्र सिंह का कहना है- तीनों साधुओं को स्थानीय लोग और स्थानीय पार्षद अभिनव अरोड़ा लेकर आए थे। लोगों ने साधुओं को फर्जी बताया। लेकिन जांच में तीनों साधु नाथ समुदाय के मिले हैं। तीनों के नाम गौरव, गोपी और सुनील है। तीनों ही साधु हरियाणा के यमुनानगर के दरवामाजिरी गांव थाना सदर निवासी हैं। गांव के प्रधान और स्थानीय पुलिस ने इनकी पहचान की सही पुष्टि भी की है। तीनों ही साधु घूमकर अपना जीवन यापन करते हैं। तीनों की कोई क्रिमिनल हिस्ट्री भी नहीं है।