मेरठ 25 जुलाई (प्र)। हिंदू मान्यताओं के अनुसार मां गंगा को पवित्र एवं ऋग्वेद में गंगा को तीर्थमयी बताया गया है। हिन्दू धर्म में गंगाजल को पवित्रता का पूरक कहा जाता है। इसलिये किसी भी अनुष्ठान में गंगाजल का प्रयोग अपना एक अलग महत्व रखता है। पुराणों के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि महादेव की जटाओं में इनका वास है। मृत्यु उपरांत भी मुंह में गंगाजल होनें से यमदूत आत्मा को सताते नहीं है और आत्मा की गति को सेहज करता है।
22 जुलाई से श्रावण मास का आरंभ हो चुका है। इस दौरान करोड़ों की संख्या में शिवभक्त हरिद्वार, गंगोत्री, यमुनोत्री से जल उठाकर शिवालयों की ओर प्रस्थान करने की यात्रा आरंभ कर चुके हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अस्वस्थ्य व अन्य कारणों से कभी गंगा नहीं गये या सावन माह में कांवड़ नहीं ला पाते। ऐसे में सावन में जलाभिषेक के लिये श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये प्रधान डाकघर के साथ जिले के अन्य डाकघरों में गंगाजल की बिक्री की जा रही है।
मेरठ कैंट स्थित सीनियर पोस्टमास्टर धर्मेश गगनेजा बताते हैं कि पिछले दो-तीन सालों से गंगाजल की सुविधा श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराई जा रही है जिसमें मुख्य डाकघर सहित सभी उपडाकघरों समेत 32 डाकघरों में जिनमें जानी, मोहिद्दीनपुर, गांधी आश्रम, कंकरखेड़ा, मेडिकल में गंगाजल वितरित किया जा रहा है। वो बताते हैं कि गंगाजल यमुनोत्री से मंगाया गया है। एक बोतल 250 एमएल की है जिसकी कीमत मात्र 30 रुपये है।
गंगोत्री से आ रहा है गंगाजल
मेरठ कैंट सीनियर पोस्टमास्टर धर्मेश गगनेजा बताते हैं कि भारत सरकार द्वारा गंगोत्री में प्लांट लगाया गया है। यहां स्थित प्लांट से गंगाजल की बोतलें भर कर सील पैक कर के तैयार की जाती है जिसके बाद वह लखनऊ हेड डाकघर ऑफिस आती है । तत्पश्चात उपयोगिता अनुसार हर मुख्य डाकघर की मांग पर गंगाजल सप्लाई किया जाता है एक पेटी में 48 बोतल आती है। हर साल 1000 से अधिक पैक गंगाजल की बोतलें विकती हैं। बताया गया कि वैसे यह पूरे साल विकता है पर सावन के सोमवार से विशेष रूप से विकता है।
मुख्य शिव मंदिरों में लगेगा स्टाल
डाकघरों द्वारा न केवल डाकघर में अपितु सावन के शेष चारों सोमवार को शहर के मुख्य शिव मंदिरो के बाहर गंगाजल वितरित किया जाएगा जिसमें औघड़नाथ मंदिर विल्लेश्वर महादेव मंदिर साकेत शिव मंदिर, दयालऐश्वर महादेव मंदिर, शिव चौक, आदि शामिल हैं।