मेरठ 05 अगस्त (प्र)। 119 वर्ष पुरानी शहर रामलीला का मंचन एक अक्टूबर से शुरू होगा। इससे पहले 30 सितंबर को बुढ़ाना गेट स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर से भगवान शंकर की बरात धूमधाम से निकाली जाएगी। 26 सितंबर को जीमखाना मैदान में भूमि पूजन होगा। चार अक्टूबर को श्रीरामचंद्र जी की बरात, 12 अक्टूबर को विजयदशमी पर रावण दहन व 15 अक्टूबर को श्रीरामचंद्र जी के राजतिलक के साथ समापन होगा।
यह जानकारी रविवार को शहर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने रसीद पूजन व कमेटी सदस्यों के सम्मान समारोह कार्यक्रम में दी। उन्होंने बताया कि एक अक्टूबर से शुरू होने वाला मंचन जीमखाना मैदान में ग्रेटर नोएडा के प्रशिक्षित श्री जी कला मंच के कलाकार ही करेंगे।
रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों संयोजक राकेश गर्ग, महामंत्री मनोज अग्रवाल, कोषाध्यक्ष योगेंद्र अग्रवाल, संयोजक अंबुज गुप्ता, टीसी शर्मा व अन्य ने सनातन धर्म धर्मेश्वर मंदिर में पूजन किया।
इस बार शहर रामलीला में यह रहेगा विशेष
– रामलीला की शुरूआत नारद मोह के बजाय सती मोह के मंचन से होगी।
– जीमखाना मैदान व दिल्ली रोड रामलीला ग्राउंड दोनों जगहों पर मेला लगेगा।
– विजयदशमी पर रामलीला ग्राउंड से काय्रक्रम का सजीव प्रसारण जीमखाना में भी दिखाया जाएगा।
– रावण दहन जीमखाना मैदान में भी होगा। (विजयदशमी पर अभी तक केवल रामलीला ग्राउंड दिल्ली रोड पर ही होता था।)
– भरत मिलाप का मंचन घंटाघर व शारदा रोड दोनों जगह पर होगा।
– रामलीला मंचन में तकनीकी उपकरणों की सहायता से हनुमान जी उड़ते हुए प्रतीत होंगे।
– मंच के उपर लगभग 35 फीट की ऊंचाई से ब्रह्मा, विष्णु, महेश आशीर्वाद व पुष्प वर्षा करेंगे।
भरत मिलाप के रूट बदलने पर विवाद
शहर रामलीला कमेटी ने रविवार को रसीद पूजन कार्यक्रम के साथ ही रामलीला मंचन का पूरा कार्यक्रम जारी कर दिया। इसमें 14 अक्टूबर को भरत मिलाप व उसकी शोभायात्रा शिव पैलेस शारदा रोड पर निर्धारित की गई है। इस बात को लेकर वार्ड 78 के भाजपा पार्षद संदीप गोयल रेवड़ी समेत विशाल बिंदल व अन्य लोगों ने विरोध किया।
आरोप है कि परंपरागत रूप से भरत मिलाप का मंचन हर साल घंटाघर पर होता है और पुराने शहर में इसकी परंपरागत शोभायात्रा निकलती है। उन्होंने नये रूट का विरोध करते हुए पुरानी व्यवस्था को ही लागू करने की मांग की। इस संबंध में शहर रामलीला के अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा कि भरत मिलाप दोनों स्थानों पर करा दिया जाएगा।