Thursday, November 7

अब ढाई से तीन घंटे में मेरठ से पहुंचेंगे देहरादून, राजाजी पार्क के ऊपर बनी एलिवेटेड रोड

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मेरठ 05 नवंबर (प्र)। देहरादून व मसूरी जाने में मेरठ से अब कम समय लगेगा, जाम से मुक्ति मिलेगी और यात्रा का अनुभव भी सुखद होगा। अब ढाई से तीन घंटे में देहरादून सकेंगे। पुराने मार्ग के ट्रैफिक में उलझने के बजाय अब दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे का उपयोग अधिक होगा। अभी तक देहरादून जाने के लिए दो विकल्प हैं देहरादून हाईवे एनएच 58 से हरिद्वार होते हुए जाना। वहीं दूसरा विकल्प है एनएच-58 से छुटमलपुर, गणेशपुर, राजाजी नेशनल पार्क होते हुए देहरादून तक जाना। नया हाईवे आवागमन आसान कर देगा। अभी मेरठ से देहरादून जाने में साढ़े तीन से पौने चार घंटे तक समय लगता है। राजाजी नेशनल पार्क पर एलिवेटेड रोड के बन जाने से सबसे बड़ा लाभ मिलेगा।

नया हाईवे यानी दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर के पास (गीता कालोनी) से लोनी, मंडोला, बागपत के खेकड़ा, टटीरी, बिजरौल शामली के फुगाना, भाजू, सहारनपुर के देवबंद, बिहारीगढ़, गणेशपुर से होते हुए देहरादून के आशारोड़ी तक बनाया जा रहा है। इसे नए साल के प्रथम सप्ताह में खोलने की तैयारी है। राजाजी नेशनल पार्क के एलिवेटेड हिस्से का एक लेन खोला जा चुका है। यह हाईवे मेरठ के नजदीक से गुजर रहा है इसलिए मेरठ के नजरिए से यह बताने का प्रयास किया गया है कि मेरठ के लिए कितना लाभकारी रहेगा।

एशिया का सबसे बड़ा एलिवेटेड वन्य जीव गलियारा इसे सहारनपुर जिले के गणेशपुर से देहरादून के आशारोड़ी तक बनाया गया है। यह राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजर रहा है। वन्य जीव एलिवेटेड हिस्से के नीचे से आ-जा सकेंगे। वन्यजीवों तक आवाज नहीं पहुंचेगी और न ही रोशनी इसके लिए साउंड बैरियर (विशेष प्रकार की लोहे की जाली ) लगाया गया है। इसमें तीन हिस्से हैं। जिसमें मिट्टी भराव वाला हिस्सा, राजाजी नेशनल पार्क व शिवालिक की नदी को मिलाकर में 12 किमी का एकल पिलर पर एलिवेटेड हिस्सा व डाट काली मंदिर के पास 340 मीटर लंबी तीन सुरंगें।

अन्य एलिवेटेड परियोजनाएं
नौ किमी का द्वारका एक्सप्रेसवे का हिस्सा। यह आठ लेन है। वहीं यूपीगेट से राजनगर एक्सटेंशन तक 10.30 किमी एलिवेटेड रोड।

मेरठ से देहरादून जाने के नए विकल्प
पहलाः विकल्प भी दूसरे विकल्प की ही तरह है लेकिन समय कम लगेगा और दूरी कम हो जाएगी। इसके लिए भी देवबंद के पास नए हाईवे पर चढ़ना होगा। दरअसल, एनएच – 307 को ही बिहारीगढ़ से गणेशपुर, राजाजी नेशनल पार्क होते हुए देहरादून के आशारोड़ी तक विस्तार देकर दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे में मिला दिया गया है। पहले यह चार लेन का हाईवे था जिसे छह लेन कर दिया गया है। राजाजी नेशनल पार्क के बीच से गुजरने व पर्वतों के घुमावदार रास्ते से बचाने के लिए पिलर पर एलिवेटेड रोड बना दी गई है। इससे गणेशपुर से सीधे देहरादून तक पहुंच सकेंगे। पहले डाट काली मंदिर के पास एक सुरंग थी अब तीन सुरंग हो गई हैं। इससे पहुंचने में तीन घंटे से भी कम समय लगेगा। दूरी घटकर रह जाएगी लगभग 160 किमी।

दूसराः इस विकल्प का लाभ लेने के लिए परतापुर से देहरादून बाईपास से होते हुए शामली-करनाल हाईवे पर जाएंगे। बड़ौत शहर से पहले और लहौड्डा के बाद दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे के लिए इंटरचेंज मिलेगा। परतापुर से यह इंटरचेंज लगभग 55 किमी दूरी पर है। वहीं इस इंटरचेंज से देहरादून भी लगभग 155 किमी है। इस तरह से दूरी पड़ेगी लगभग 210 किमी। फिर भी इस हाईवे पर गति मिलेगी 100 किमी घंटे की और जाम भी नहीं मिलेगा। इस तरह से लगभग ढाई घंटे में मेरठ से देहरादून पहुंच जाएंगे।

तीसराः इसके लिए परतापुर से देहरादून हाईवे होकर बागपत हाईवे से टटीरी पहुंचेंगे। टटीरी में रेलवे फाटक पार करके सर्वाेदय अस्पताल पहुंचेंगे। यहीं पर दिल्ली- देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे का इंटरचेंज है। परतापुर से यह इंटरचेंज लगभग 45 किमी दूर है। वहां से देहरादून लगभग 170 किमी दूर है। इस तरह दूरी हो जाएगी लगभग 215 किमी। यदि इधर से जाते हैं तब भी लगभग ढाई घंटे में देहरादून पहुंच जाएंगे।

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