मेरठ 06 नवंबर (प्र)। कनोहर लाल महिला पीजी कालेज शारदा रोड में प्रबंध समिति एवं निलंबित प्राचार्य के बीच खींचतान जारी है। कालेज के संयुक्त सचिव ने अब पूर्व प्राचार्य पर वित्तीय अनियमितता व धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए ब्रह्मपुरी थाने में तहरीर दी है। वहीं, पूर्व प्राचार्य ने प्रबंध समिति के सभी आरोपों को निराधार बताया है।
प्रबंध समिति ने गत 28 अक्टूबर को प्राचार्य प्रो. अलका चौधरी पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए निलंबित कर दिया था। इसके अगले दिन कालेज में चित्रकला विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्रो. किरण प्रदीप को कार्यवाहक प्राचार्य का कार्यभार ग्रहण करा दिया था। मंगलवार को संयुक्त सचिव प्रदीप सिंघल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 23 अक्टूबर 2021 को प्रो. अलका चौधरी को कालेज की प्राचार्य नियुक्त किया था। तभी से वे अपनी मनमानी और नियम विरुद्ध कार्य करतीं आ रहीं थीं। उनके ऊपर कालेज के हितों के विपरीत एवं सत्यनिष्ठा से अपना कार्य न करने के
आरोप लगते आ रहे थे। इसके चलते प्रबंध समिति ने 28 अक्टूबर को प्रो. अलका को निलंबित कर दिया था। आरोप है कि प्रो. अलका चौधरी ने वर्ष 2023-2024 की कालेज पत्रिका छपवाने के लिए बालिका कोष के खाते से पैसा निकालकर भुगतान कर दिया। यही नहीं कालेज पत्रिका बुक की श्रेणी में आने के बावजूद जीएसटी देकर बिल भुगतान किया। सिंघल का आरोप है कि पूर्व प्राचार्य ने पत्रिका इंचार्ज प्रो. पूनम सिंह एवं लिपिक मनोज कुमार से मिलीभगत कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया है।
वहीं कालेज की पूर्व प्राचार्य प्रो. अलका चौधरी ने संयुक्त सचिव के सभी आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि गत 28 अक्टूबर को प्रबंध समिति ने उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है | अगले दिन नियम विरुद्ध ताला तुड़वाकर कार्यवाहक प्राचार्य को कार्यभार ग्रहण करा दिया। 30 अक्टूबर को प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने कालेज के तीन कर्मचारियों को लगाकर दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर सुबूतों को नष्ट किया। उन पर आरोप लगाने वाले प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने स्वयं सरकारी धन का दुरुपयोग किया हुआ है। जिसके सुबूत उनके पास हैं। वहीं, जो भुगतान मैंने किया है, वह गठित चार सदस्यीय समिति की संस्तुति पर किया है।