मेरठ 06 नवंबर (प्र)। जिले में चल रही चार टोल कंपनियों पर अब स्टांप वाद का मुकदमा चलेगा। इन टोल कंपनियों पर आरोप है कि नोटिस के वाबजूद ठेके का रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है। डीएम ने एआईजी स्टांप एक सप्ताह का अंतिम नोटिस देकर स्टांप वाद का मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है। कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे ने भी मंडल के सभी जिलों को टोल कंपनियों को नोटिस जारी किए हैं।
इससे पूर्व एआईजी स्टांप ज्ञानेन्द्र कुमार ने सात अक्तूबर को मवाना तहसील क्षेत्र में एनएच-119 पर भैंसा छोटा मवाना, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर परतापुर में काशी और एनएच-58 पर मोदीपुरम के निकट बने सिवाया टोल प्लाजा के प्रबंधकों को स्टाम्प चोरी के सम्बंध में नोटिस जारी किए थे। एआईजी स्टाम्प ने लीज डीड का निबंधन नहीं कराने के संबंध में नोटिस भेजे थे। उन्होंने कहा था कि भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 की धारा 73 के तहत टोल प्लाजा से सम्बंधित लीज डीड का सम्बंधित उप निबंधक कार्यालय में निबंधन नहीं कराया गया है। इससे जाहिर होता है कि लीज डीड पर स्टाम्प शुल्क अदा नहीं किया गया है। सम्बंधित टोल के लीज डीड की प्रति उपलब्ध कराने को कहा था ताकि स्टांप शुल्क का निर्धारण किया जा सके। एक महीने बाद भी कोई जवाब नहीं दिया गया।
चार टोल हैं नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर काशी टोल प्लाजा
मेरठ-मुजफ्फरनगर एनएच-58 पर सिवाया टोल प्लाजा
मेरठ-नजीबाबाद एनएच-119 पर मवाना में भैंसा टोल प्लाजा
मेरठ- करनाल एनएच-709 पर भूनी टोल प्लाजा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत शासन ने टोल कंपनियों के लीज डीड पर स्टांप शुल्क निर्धारण का निर्देश दिया है। इसके तहत नोटिस जारी किये गये थे। नोटिस का जवाब नहीं दिया गया। अब इस मामले में कमिश्नर और डीएम ने स्टांप एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए हैं। जल्द ही आगे की कार्रवाई होगी। -ज्ञानेन्द्र कुमार, एआईजी स्टांप, मेरठ-