फैशन विभाग में हुआ ड्रेपिंग एवं स्टाइलिंग तकनीकी पर कार्यशाला का आयोजन मेरठ 25 नवंबर (प्र)। बागपत रोड स्थित विद्या विश्वविद्यालय के विद्या इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइन के फैशन विभाग में ड्रेपिंग, स्टाइलिंग एवं मॉलेज का 13 दिवसीय गहन मास्टर क्लास कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें विभाग के चारों वर्ष की छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। कार्यशाला की मेंटोर बंेगलुरू की टीआर कटिंग की स्कूल इंडिया की डायरेक्टर और विद्या फैशन एकेडेमी की सी0 ई0 ओ0 डॉ.श्रीविद्या विवेक रहीं।
विद्या विश्वविद्यालय के फैशन विभाग में 11 नवंबर से 20 नवंबर तक ड्रेपिंग की कार्यशाला आयोजित हुई जिसमें फैशन विभाग के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। वहीं 21 नवंबर से 23 नवंबर तक स्टाइलिंग एवं फोटोग्राफी की कार्यशाला हुई जिसमें फैशन, फाइन आर्ट और पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इसमें फैशन तकनीक मॉलेज, जिसे ड्रेपिंग के नाम से भी जाना जाता है के साथ इनोवेटिव और एडवांस ड्रेपिंग की तकनीक की बारीकियों को सिखाया गया। फैशन इंडस्ट्री की मांग के अनुसार विद्यार्थियों को प्रायोगिक जानकारी दी गई। साथ ही फैब्रिक विज्ञान को कलात्मक तरीके से प्रस्तुत करने की सीख दी गई। इससे विद्यार्थियों में डिजाइन की बेहतर समझ विकसित हुई।
इस मौके पर मेंटोर डॉ. श्रीविद्या विवेक ने बताया कि फैशन की दुनिया बहुत बड़ी है और वहां हर एक दिन नई रचनात्मक पोशाकों की मांग बनी रहती है। ड्रेपिंग और मॉलेज में नये प्रयोग के लिए मौलिक और रचनात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। फैशन की दुनिया टेक्स्ट बुक के हिसाब से नहीं चलती। इस कार्यशाला में थ्योरी की कक्षाओं से हटकर इंडस्ट्री की मांग के अनुसार बच्चों को प्रैक्टिकल ज्ञान दिया गया। सभी विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह और मनोयोग से कार्यशाला में हिस्सा लिया।
कार्यशाला के अंतिम दिन समापन समारोह में मेंटोर डॉ. श्रीविद्या विवेक को स्मृति चिह्न तथा सभी विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। इस मौके पर कॉलेज की निदेशिका डॉ. रीमा वार्ष्णेय ने कहा कि विद्या विश्वविद्यालय हमेशा ही विद्यार्थियों के सर्वांगिण विकास के साथ इंडस्ट्री की मांग को ध्यान में रखते हुये शिक्षा प्रदान करता है। गत 13 दिनों में विद्यार्थियों ने बहुत कुछ सीखा। वहीं मेंटोर डॉ. श्रीविद्या विवेक ने कहा कि बच्चों ने क्रिएटिव तरीके से ड्रेपिंग और स्टाइलिंग के साथ ड्रेसिंग सेंस, शरीर की बनावट, त्वचा के प्रकार, अंडरटोन मेकअप तकनीक, हेयर स्टाइल आदि की बारीकियों को सीखा।
कार्यशाला का संयोजन फैशन विभाग की एसिस्टेंट प्रोफेसर श्यामली पाण्डेय ने किया। कार्यशाला को सफल बनाने में एसिस्टेंट प्रोफेसर नेहा एवं मनीषा भारती का योगदान रहा। इस मौके पर फैशन विभाग के चारों वर्ष के विद्यार्थियों के साथ फाइन आर्ट और पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थी मौजूद रहे।