मेरठ 02 जनवरी (प्र)। शहरों में अकेले रहने वाले बुजुर्ग दंपति की पुलिस खैर खबर लेगी। इसके लिए सभी जिलों में आदेश दिया गया है। थाना पुलिस अपने इलाके में रहने वाले बुजुर्ग दंपति का नाम और पते समेत मोबाइल नंबर का रिकार्ड रजिस्टर में दर्ज करेगी। कोई समस्या या सामान की जरूरत होने पर पुलिस को कॉल किया गया तो मदद कराई जाएगी। इतना ही नहीं, महीने में दो बाद पुलिस घर पर जाएगी और हर सप्ताह फोन पर बात कर कुशलता ली जाएगी। ऐसे में बुजुर्गों के साथ होने वाले हादसों में कमी आएगी।
उत्तरप्रदेश के डीजीपी ने पूर्व में आदेश दिया था कि प्रदेश के सभी थानाक्षेत्र में अकेले रहने वाले बुजुर्गों का एक डाटा बनाए जाए। दरअसल, कई घटनाएं ऐसी हुई हैं जहां पर बुजुर्ग की घर में अंदर ही मौत हो गई और किसी को खबर तक नहीं लगी। उम्र ज्यादा होने के चलते कई काम ऐसे होते हैं, जहां पर ये बुजुर्ग असहाय हो जाते हैं। ऐसे में एडीजी ध्रुवकांत ठाकुर और डीआईजी कलानिधि नैथानी ने जोन के हर जिले में इस संबंध में कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा है। अब हर थाने में एक रजिस्टर बनाकर बुजुर्ग दंपति का रिकार्ड बनाया जाएगा। इसमें नाम और पते समेत फोन नंबर और रिश्तेदारों के नंबर भी दर्ज किए जाएंगे। साथ ही पुलिस महीने में दो दिन घर पहुंचकर खैर खबर लेगी।
पूर्व में भी हो चुकीं कई वारदात
नौचंदी थानाक्षेत्र में शास्त्रीनगर निवासी बुजुर्ग दंपति के घर में कुछ माह पूर्व दिनदहाड़े कुछ बदमाशों ने डकैती डाली थी। वारदात में नौकरानी का भाई ही शामिल था। इसके अलावा पल्लवपुरम में भी बुजुर्ग दंपति के साथ घर पर वारदात हो गई थी। वहीं, एक मामला सदर बाजार में सामने आया था, जहां सदर बाजार में अकेले रहने वाली एक बुजुर्ग शिक्षिका की घर में मौत हो गई और शव को चूहे खा गए थे। इस दौरान शव सड़ने और दुर्गंध होने के बाद आसपास के लोगों को मौत की जानकारी लगी थी। पुलिस निगरानी करेगी तो इस तरह की घटनाएं नहीं हो सकेंगी।
कई बुजुर्ग अकेले ही घरों में रहते हैं। इनके साथ अपराधिक वारदात हो जाती हैं। साथ ही कई ऐसे भी मामले सामने आ चुके हैं, जब बुजुर्गों को समय पर मदद नहीं मिल पाती। ऐसे में पुलिस इन लोगों का पूरा रिकार्ड बनाकर लगातार संपर्क में रहेगी और मदद भी देगी।- ध्रुवकांत ठाकुर, एडीजी मेरठ जोन।
बीट कांस्टेबल और चौकी प्रभारी रहेंगे अलर्ट, देंगे अपडेट
चौकी प्रभारी और बीट कांस्टेबल को इस संबंध में लगातार अपडेट रहना होगा। वहीं, इस काम के लिए रिटायर्ड पुलिसकर्मियों की भी मदद ली जाएगी। दरअसल, जिलों में रहने वाले रिटायर्ड पुलिसकर्मियों को पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन के तहत पुलिस के पास रिकार्ड रहता है। ऐसे में इन्हें भी बुजुर्ग परिवारों को चिन्हित करने के काम में साथ लिया जाएगा और कोई समस्या होने पर मदद के लिए भेजा जाएगा।