Sunday, July 6

पत्रकारों की ट्रेनों में निशुल्क यात्रा को बहाल करे सरकार

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कोरोना काल में सरकार द्वारा पत्रकारों को ट्रेनों में दी जाने वाली छूट बंद कर दी थी। अब कोरोना खत्म हुए कई साल हो गए लेकिन कभी आर्थिक साधनों के नाम पर तो कभी किसी और बिंदु को लेकर पत्रकारों की निशुल्क यात्रा आज तक शुरू नहीं की गई है। लेकिन एक खबर के अनुसार केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। अब केंद्रीय कर्मी अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) के तहत तेजस, वंदे भारत और हमसफर ट्रेनों से भी यात्रा कर सकेंगे। यह कदम कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को एलटीसी के तहत विभिन्न प्रीमियम ट्रेनों की स्वीकार्यता के बारे में विभिन्न कार्यालयोंध्व्यक्तियों से कई सुझाव मिलने के बाद उठाया गया है।
डीओपीटी ने जारी आदेश में कहा, ‘‘इस विभाग ने व्यय विभाग के परामर्श से मामले पर गौर किया और यह निर्णय लिया। इस निर्णय के अनुसार मौजूदा राजधानी, शताब्दी और दुरंतो ट्रेनों के अलावा अब सरकारी कर्मचारियों की पात्रता के अनुसार एलटीसी के तहत तेजस एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस और हमसफर एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा की अनुमति होगी।’’
पात्र केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों को एलटीसी का लाभ उठाने पर सवेतन अवकाश के अलावा उनके द्वारा यात्राओं के लिए टिकट पर किया गया खर्च भी वापस मिल जाता है।सरकार ने हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों को छुट्टी का भी तोहफा दिया है। केंद्र सरकार के वे कर्मचारी जो अंगदान करेंगे, उन्हें 42 दिनों की छुट्टी मिलेगी। किसी दाता से अंग निकालना एक बड़ी सर्जरी है। अस्पताल में भर्ती होने और अस्पताल से छुट्टी के बाद ठीक होने में काफी समय लगता है। आदेश में कहा गया है कि सरकार ने श्विशेष कल्याणकारी उपायश् के रूप में अपने अंगदान करने का फैसला करने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को अधिकतम 42 दिनों की विशेष आकस्मिक छुट्टी (कैजुअल लीव) देने का फैसला किया है।
रेलमंत्री और सूचना प्रसारण मंत्री तथा वित्त मंत्री को इस प्रकार की छूट सरकारी कर्मचारियों को देने के साथ साथ यह भी सोचना चाहिए कि पूरे देश में मीडिया सरकारी योजनाओं का लाभ निशुल्क रूप से पात्रों तक पहुंचा रहा है। और कुछ बड़े समाचार पत्रों ओर चैनलों को छोड़ दें तो सरकार जिन लघु भाषाई समाचार पत्रों को कुछ नहीं देती वो भी सरकारी येाजनाओं को जनता पहुंचा रहे हैं। हम सरकारी कर्मचारियों को सुविधा देने का विरोध नहीं करते लेकिन हमें नजरअंदाज करने की नीति सही नहीं कही जा सकती। सरकार को पूर्व की भांति रेल में पत्रकारों को निशुल्क यात्रा शुरू करनी चाहिए। सरकार यह भी समझ लें कि जितना सरकार इस पर खर्च करेगी उससे ज्यादा उसकी योजनाओं का प्रचार कर मीडिया भरपाई कर रही है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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