Saturday, July 12

लिसाड़ी गेट में अवैध अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा

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मेरठ 21 मार्च (प्र)। मेरठ के लिसाड़ी गेट लक्खीपुरा में स्वॉट टीम ने अवैध अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा है। तीन आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है, जबकि 200 से ज्यादा सिम, सिम बॉक्स और बाकी उपकरण बरामद किए गए हैं। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और पता किया जा रहा है कि इस काम में और कितने लोगों की भूमिका है। इस पूरे मामले में विदेशी कनेक्शन भी सामने आया है, जिसे लेकर पुलिस अधिकारी पूछताछ में लगे हैं। सूत्रों की मानें तो दूरसंचार विभाग की ओर से इनपुट मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है।

मेरठ के लिसाड़ी गेट स्थित लक्खीपुरा गली 18 में एक मकान के अंदर अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज चलाया जा रहा था। इस अवैध अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज से अंतरराष्ट्रीय कॉल को भारतीय नंबरों के जरिए लोकल काल में बदलकर सरकार को राजस्व का भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा था। इस संबंध में दूरसंचार विभाग की ओर से इनपुट दिया गया था। इसके बाद स्वॉट टीम को खुलासे के लिए लगाया गया था। लिसाड़ी गेट के जिस इलाके में हाईस्पीड इंटरनेट का इस्तेमाल ज्यादा किया गया, उसी इलाके को ट्रेस करते हुए घेराबंदी की गई।

इसके बाद लक्खीपुरा गली-18 में दबिश देकर एक मकान से तीन युवकों जुनैद, साकिब और अन्य को पकड़ा गया। आरोपियों के पास से 200 से ज्यादा सिम, दर्जनभर सिम बॉक्स, राउटर समेत बाकी उपकरण बरामद किए गए।

आरोपियों से पूछताछ की गई तो खुलासा हुआ कि सिम बॉक्स टेक्नोलॉजी की मदद से यह काम किया जा रहा था। सिम बाक्स के जरिए विदेशी काल को भारतीय नंबरों में बदल दिया जाता था, जिससे काल बाईपास हो जाती थी और विदेश से आने वाली कॉल पर सरकार को मिलने वाला टैक्स नहीं देना पड़ता था। ऐसे में विदेश से आने वाली और की जाने वाली कॉल पर टैक्स नहीं देना पड़ रहा था।

चाइनीज बॉक्स लगाकर करते थे रोजाना हजारों की कमाई
अवैध अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वाले आरोपी अपने सेटअप में चाइनीज उपकरण का इस्तेमाल कर रहे थे। पूछताछ करने पर खुलासा हुआ कि दिल्ली के युवक ने उन्हें ये सारे उपकरण उपलब्ध कराए थे। इसके बाद चाइना के स्काइलाइन व वाक्स स्पेस से उनके पास कॉल डायवर्ट होकर आने लगी थी। ज्यादातर कॉल वेस्ट यूपी और कुछ कॉल अन्य राज्यों की भी होती थी। इस काम के लिए फर्जी आईडी पर लिए गए सिम का इस्तेमाल कर रहे थे। ये सिम कहां से उपलब्ध हुए थे, इसकी भी जांच की जा रही है।

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