मेरठ 27 मार्च (प्र)। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) से संबद्ध कालेजों में पढ़ाई के नाम पर खेल चल रहा है। एक ही शिक्षक को एक से अधिक कालेज अनुमोदित कराकर उन्हें अपना शिक्षक बता रहे हैं। एकूरेट बिजनेस स्कूल ग्रेटर नोएडा के खिलाफ हुई शिकायत की जांच में आरोप सही मिलने के बाद विश्वविद्यालय की ओर से अब जांच का दायरा बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले छह जिलों में 35 से अधिक कालेजों में 200 से अधिक शिक्षक संदेह के दायरे में हैं। इन कालेजों ने शिक्षकों को शपथ पत्र में केवल अपना शिक्षक बताया है, जबकि वह दूसरे कालेजों में भी शिक्षक के तौर पर अनुमोदित हैं और पढ़ा भी रहे हैं। सभी कालेजों की ओर से विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए अनुमोदित कराए गए शिक्षकों की सूची का सत्यापन किया जा रहा है। गड़बड़ी मिलने पर सभी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
11 शिक्षक मिले दूसरे कालेजों के
ग्रेटर नोएडा के एकूरेट बिजनेस स्कूल के प्रबंधन ने विभिन्न पाठ्यक्रमों के 11 शिक्षकों का अनुमोदन विश्वविद्यालय को भेजा, जबकि यह सभी दूसरे कालेजों से पहले ही अनुमोदित हो चुके हैं। कालेज प्रबंधन की ओर से बीसीए के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर चयनित अतुल कुमार, आशीष बैसवार व आकाश रघुवंशी का अनुमोदन भेजा गया। यह तीनों शिक्षक पहले से रमेश चंद्र इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट गाजियाबाद से अनुमोदित हो चुके हैं। इसी तरह एलएलबी पाठ्यक्रम के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर प्रमोद कुमार का अनुमोदन पहले ही अनुज गोयल कालेज आफ ला गाजियाबाद से है। बीकाम आनर्स पाठ्यक्रम में चयनित डा. श्याम कुमार का अनुमोदन भेजा, जबकि वह पहले से जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट आफ प्रोफेशनल स्टडीज ग्रेटर नोएडा से अनुमोदित हैं। बीबीए पाठ्यक्रम में अभिषेक गुप्ता, भूमिका तेहरान, विवेक सिंह, समीर रस्तोगी, विवेक कुमार सिंह व गोविंदा त्रिपाठी का अनुमोदन कराया। यह सभी रमेश चंद्र इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट गाजियाबाद से अनुमोदित हैं। इन सभी के अनुमोदन पत्र के साथ कालेज के सचिव ने शपथ पत्र दिया था कि यह शिक्षक किसी और कालेज में नहीं पढ़ाते हैं ।
पांच से सात हजार लेते हैं शिक्षक
कालेजों में ऐसे शिक्षकों को पांच से सात हजार रुपये प्रति महीने देकर अनुमोदन के लिए कागजात लिए जाते हैं। शिक्षक भी एक से अधिक कालेजों में अपने दस्तावेज देकर सभी से निर्धारित शुल्क लेते हैं। विश्वविद्यालय के निरीक्षण के दौरान उन सभी शिक्षकों को कालेज बुला लिया जाता है। कालेजों में शिक्षकों की कमी की शिकायतें बार-बार छात्र भी उठाते रहे हैं। विश्वविद्यालय के कर्मचारी नेता व विभागीय कर्मचारियों से मिलीभगत के चलते कालेजों बिना कागजातों की जांच के आसानी से अनुमोदन मिल जाता है।
बढ़ेगी जांच, होगी कार्रवाई
सीसीएसयू के कुलसचिव धीरेंद्र कुमार ने बताया कि एकूरेट बिजनेस स्कूल के खिलाफ हुई शिकायत की जांच में यह गड़बड़ी पकड़ में आई है। कालेज को नोटिस भेजा गया है। इस पर एफआइआर भी कराया जा सकती है। अन्य कालेजों से अनुमोदित शिक्षकों की भी जांच कराई जाएगी, जिससे कार्रवाई का दायरा बढ़ाया जा सके।