मेरठ 28 मार्च (प्र)। विश्व के प्रमुख कैथोलिक चर्च में शामिल सरधना का बेसिलिका आफ अवर लेडी आफ ग्रेसेस कुछ समय बाद और भी भव्य और रोशन नजर आएगा। यह उत्तर भारत का सबसे बड़ा रोमन कैथोलिक चर्च है। अब चर्च को फसाड लाइट और विशेष लाइटों से सजाया जाएगा। इससे शाम ढलने पर चर्च की आभा विशिष्ट हो जाएगी। यह पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करेगी।
मुख्य द्वार से चर्च तक छह मीटर चौड़ा पाथवे बनाया जाएगा। इस पाथवे के किनारे बेंच रखी जाएंगी ताकि पर्यटक यहां बैठकर चर्च की सुंदरता, नक्काशी को निहार सकें। पाथवे पर पेयजल की भी व्यवस्था होगी। पाथवे समेत परिसर में विभिन्न स्थानों पर डस्टबिन रखे जाएंगे। विशेष तरह का दिशा सूचक व सूचना देने वाला बोर्ड लगाया जाएगा। क्रास ईसाई धर्म का प्रमुख प्रतीक है। इसे ईसा मसीह का प्रतिनिधित्व माना जाता है। ये सभी कार्य एनसीआर प्लानिंग बोर्ड और मुख्यमंत्री पर्यटन योजना के तहत कराए जा रहे हैं। यहां कार्य शुरू कर दिया गया है। कुछ ही महीनों में कार्य पूर्ण हो जाएगा।
फसाड लाइट की विशेषता
किसी भी भवन के सामने वाले बाहरी हिस्से को फसाड (फेसेड) कहा जाता है। इस तरह किसी भवन के बाहरी हिस्से पर लगाई गई लाइटों को फसाड लाइट कहते हैं। इसका प्रयोग भवन की सुंदरता बढ़ाने और रात में दृश्यता बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह भवन की वास्तुकला को उभारती है।
संयुक्त निदेशक, पर्यटन प्रीति श्रीवास्तव का कहना है कि एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की स्वीकृति से मुख्यमंत्री पर्यटन योजना के तहत सरधना चर्च में विभिन्न कार्य कराए जाने हैं। मेरठ में तीन स्थल इसके लिए चयनित किए गए हैं, जिनमें सरधना चर्च, हस्तिनापुर और शहीद स्मारक शामिल हैं। तीनों पर कुल 4.52 करोड़ रुपये खर्च होंगे।