31 मई को सेवानिवृत्ति हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के अत्यंत विश्वासपात्र आईपीएस वरिष्ठ पुलिस अधिकारी 1990 बेंच के प्रशांत कुमार को विस्तार क्यों नहीं मिला वो एक अलग बात है। लेकिन उनका कार्यकाल अच्छा रहा क्योंकि उन्होंने दिन रात जागकर प्रदेश में जहां कानून का राज और भयमुक्त व्यवस्था कायम करने की भरपूर कोशिश की तो अपने सहयोगियों को भी आवश्यकता अनुसार प्रोत्साहन दिया। तथा कानून से खिलवाड़ करने वालों को सजा देने में भी पीछे नहीं रहे जो जिस सजा का पात्र था उसे वो मिली। और एक समय ऐसा भी रहा कि प्रशांत कुमार की दूरदर्शिता और जहां जिस पद पर रहे वहां अत्यंत लोकप्रियता प्राप्त की इसी कारण प्रदेश भर की जानकारी कम या ज्यादा उन्हें रहती थी। और सबसे बड़ी बात जब भी कोई नागरिक उनसे संपर्क करने की कोशिश करता था तो वो अत्यंत व्यस्थ रहने के बावजूद उससे मिलते थे तथा उनकी समस्या का समाधान भी करते थे। सबसे बड़ी बात यह कही जा सकती है कि प्रशांत कुमार हर परिस्थिति में मीडिया कर्मियों की बात सुनने और समझने और उस पर कार्रवाई करने की कोशिश भी करते थे पत्रकार चाहे कोई भी हो उनके लिए सब बराबर रहे। अपने कार्यकाल में उनके द्वारा पुलिसिंग को आधुनिक बनाया गया। साईबर अपराध व अन्य विपरित परिस्थितियों का सामना करते हुए जन मानस में पुलिस के प्रति विश्वास पैदा करने की हर संभव कोशिश की गई। जिससे सबका विश्वास जीता और यूनीफार्म का विश्वास पैदा किया। उन्होंने अपने एक्स पर लिखा कि यूनीफार्म स्थाई है ड्यूटी हमेशा है।
श्री प्रशांत कुमार एक संवेदनशील और मनन करने वाले दंबग मृदुभाषी अफसर रहे। वो हमेशा थाने का सिपाही हो या थाने की व्यवस्था संभालने वाला कांस्टेबल उसकी सुविधा और समस्याओं का हमेशा ध्यान रखते थे क्योंकि चाहे धूप तेज बारिश हो या ठंड यही लोग रात रात भर जागकर केसों को सुलझाने और नागरिकों को आराम से सोने का अवसर उपलब्ध कराते है।
अगर ध्यान से देखे तो उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री जेएन चतुर्वेदी जो एक ईमानदार छवि के सख्त मिजाज सर्वगुण संपन्न अधिकारी थे उनके साथ ही पूर्व डीजीपी ब्रजलाल और वी के वी नायर जैसे पूर्व पुलिस महानिदेशकों की सोच तुरंत निर्णय लेने और कार्रवाई करने में प्रशांत कुमार का भी कोई जबाव नहीं रहा। श्री प्रशांत कुमार ने बीते रविवार सुबह एक्स पर अपने साथ काम कर चुके सहयोगियों दोस्तों और पुलिस के सभी योद्धाओं को भावुक संबोधित पोस्ट लिखी जिसमें उन्होंने कहा कि इस पद को बिना किसी पछतावे के गर्व के साथ छोड़ रहा हूं। मेरी प्रार्थनाएं सम्मान और सर्मथन हमेशा सबके साथ रहेगा। अपने घर पहुंचकर जूते उतारते हुए प्रशांत कुमार ने लिखा मेरा दिल प्रतज्ञता गर्व और अपनेपन की भावना से भर गया है। यह सिर्फ विदाई ही नहीं है रूकने चिंतन करने और सेवा की असाधारण यात्रा में मेरे साथ चलने के लिए आप सभी को धन्यवाद देने के क्षण है।जब श्री प्रशांत कुमार जी मेरठ के एडीजी पुलिस पद पर तैनात थे तो एक बार उनसे बड़े आत्मीयता भरी सद्भावनापूर्ण मुलाकात हुई। जेल रोड स्थित उनके ऑफिस में वरिष्ठ पत्रकार और सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष दैनिक केसर खुशबू टाइम्स के संपादक रवि कुमार बिश्नोई जी के साथ उनसे मिला तो वो हमें पहचानते नहीं थे जब परिचय दिया तो खड़े होकर हाथ मिलाया। वहां मौजूद समय के डीआईजी और एसएसपी से यह कहकर मुलाकात कराई कि यह पेन इंडिया है इनके ऑन लाईन चैनल ताजा खबर और मेरठ रिपोर्ट दूर दूर तक पढ़ा जाता है। लगभग एक घंटे की यह मुलाकात हमेशा याद रहती है। प्रशांत कुमार जी के डीजीपी बनने के उपरांत भी समाचारों के माध्यम से और विशेष अवसरों पर बधाई और धन्यवाद से संपर्क निरंतर बना हुआ था। भगवान से प्रार्थना है कि जैसी चर्चा है जल्दी ही उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी मिले। और वो हमेशा अपने परिवार के साथ प्रसन्नचित और खुशहाल रहे। वरिष्ठ पत्रकार डा0 संजय गुप्ता लघु और भाषाई समाचार पत्र इलना के राष्ट्रीय जनरल सेकेट्री का कहना है कि प्रशांत जी हमेशा सबकी सुनने और उनकी मदद करने वाले अधिकारी रहे। जितनी बार भी उनसे मुलाकात हुई हर बार एक नया अहसास हुआ। और उनके बारे में जब आम नागरिकों से सुनते थे तो बहुत अच्छा लगता है।
प्रस्तुतिः अंकित बिश्नोई राष्ट्रीय जनरल सेकेट्री सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए व मजीठिया बोर्ड यूपी के पूर्व सदस्य युवा पत्रकार व संपादक
जल्द मिल सकती है पूर्व डीजीपी आईपीएस प्रशांत कुमार को कोई नई जिम्मेदारी, अपने कार्यों से हमेशा सरकार का मान बढ़ाया
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