Monday, July 7

किराए पर बैंक खाते देने वाले गैंग का भड़ाफोड़, चार आरोपित गिरफ्तार

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मेरठ 17 जून (प्र)। साइबर अपराधियों को किराये पर बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले गैंग का मेरठ पुलिस ने भंडाफोड करते हुए चार आरोपियों की गिरफ्तारी की है। गिरोह का मास्टर मांइड फरार है। आरोपियों से 36 एटीएम कार्ड, 27 बैंक पासबुक, 16 सिमकार्ड व तीन चेकबुक बरामद की।

पुलिस लाइन में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने प्रेसवार्ता में बताया कि लिसाड़ी गेट के अहमदनगर लक्खीपुरा निवासी वकार कुछ गरीब परिवारों के बैंक खाते खुलवा रहा था। खाताधारक को 15 सौ से दो हजार रुपये का भुगतान कर रहा था। इसकी भनक पिल्लोखड़ी चौकी प्रभारी मानवेंद्र सिंह को लग गई और वकार की रेकी की गई। पुलिस ने वकार से पूछताछ की। वकार के साथी शाहरुख, मोनू और समीर को भी गिरफ्तार कर लिया गया। गिरोह के दो सरगना अलाउद्दीन और सोनू पकौड़ी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

अलाउद्दीन ने बिजली बंबा रोड पर पॉश कॉलोनी में तीन मंजिला कोठी बनाई हुई है। खुलासा हुआ कोठी हाल ही में बनाई थी। कोठी के बाहर और अंदर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। अंदर जाने का एक ही रास्ता है। घर के बाहर 50 लाख की फॉरच्यूनर कार भी मिली। कोठी पर पुलिस ने दबिश दी लेकिन आरोपी फरार मिला।

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि मेरठ के अलावा दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, बिहार और उड़ीसा समेत आठ राज्यों में इसी गिरोह द्वारा खुलवाए खातों का इस्तेमाल साइबर क्राइम की घटनाओं में हुआ है। इन खातों को संबंधित पुलिस ने सीज कराया है और मुकदमे दर्ज कराए हैं। खातों को लेकर जांच की जा रही है।

इनकी हुई गिरफ्तारी

  1. वकार निवासी गली-13 अहमदनगर लक्खीपुरा, लिसाड़ी गेट 2. शाहरूख निवासी करीमनगर 3. मोनू निवासी अहमदनगर, लोहियानगर। 4. समीर निवासी अहमदनगर, लोहियानगर
    एसपी सिटी ने बताया अलाउद्दीन के पास एक तेलंगाना नंबर की फॉरच्यूनर कार है। यह कार किसके नाम पर निकाली गई, इसकी छानबीन की जा रही है। गिरोह का कनेक्शन दक्षिण भारत में होने के चलते जांच में सर्विलांस टीम को भी लगाया है।

लोहियानगर में बिजली बंबा रोड निवासी अलाउद्दीन साइबर अपराधियों के संपर्क में है। अलाउद्दीन और साथी सोनू पकौड़ी निवासी लिसाड़ी गेट बैंक खाते उपलब्ध कराते हैं। अलाउद्दीन ने शाहरूख निवासी सुहेल गार्डन को रखा है। शाहरुख एक बैंक खाता खुलवाने के लिए समीर और मोनू को पांच हजार रुपये देता है। समीर और मोनू के नीचे वकार काम करता है। वकार का काम लोगों को झांसे में लेकर बैंक खाते खुलवाना होता था। बैंक खाते में वकार दिए गए सिम नंबर को दर्ज कराता था, जिससे इन्हीं नंबर पर रकम लेनदेन का मैसेज बैंक से मिलता रहे। इसके बाद इस एटीएम और पासबुक को समीर, मोनू को दे देता था, जो बाद में अलाउद्दीन तक पहुंच जाते थे। साइबर ठगी की रकम जिस खाते में आती थी, उसे निकालने का काम सोनू पकौड़ी का होता था।

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