मेरठ 17 जून (प्र)। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे स्थित काशी टोल प्लाजा पर फास्टैग की कैनोपी लगाने को लेकर सोमवार रात दो गुटों में फायरिंग हो गई। भाकियू इंडिया मेरठ मंडल अध्यक्ष के भाई समेत दो लोगों को गोली लगी है। पुलिस मौके पर दौड़ी, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। मुकदमा दर्ज कराया गया है।
एक्सप्रेसवे स्थित काशी टोल प्लाजा पर सोमवार को फास्टैग की कैनोपी लगाने को लेकर भूड़बराल निवासी नितिन और जतिन का इंदिरापुरम निवासी कपिल, अवनीश, दीपक व दो अन्य युवकों से विवाद हो गया। दोनों पक्षों में मारपीट हो गई।
आरोप है कि इसी दौरान कपिल ने पिस्टल निकालकर नितिन और जतिन पर फायरिंग कर दी। नितिन के पैर में तीन गोली लगी हैं, जबकि जतिन के बाजू में एक गोली लगी। टोल प्लाजा कर्मचारियों को आता देख आरोपी फरार हो गए। कर्मचारियों ने दोनों घायलों को सीएचसी भूड़बराल में भर्ती कराया। भाकियू इंडिया मेरठ महानगर अध्यक्ष रितिन गुर्जर ने घटना की जानकारी परतापुर पुलिस, एएसपी ब्रह्मपुरी को दी। आरोपियों के घरों पर दबिश दी गई, सभी फरार मिले।
अवनीश और नितिन पक्ष द्वारा दो दिन से फोन पर एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दी जा रही थी। एक- दूसरे के कर्मचारियों को हटाया जा रहा था। तब भी पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया। आरोप है कि फास्टैग लगाने वाले सभी कर्मचारियों से पुलिस भी महीने में रकम वसूली करती है। यही कारण है कि दो माह पहले हुए विवाद में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। यदि पुलिस उस समय संज्ञान ले लेती तो शायद सोमवार को एक्सप्रेसवे पर खुलेआम फायरिंग नहीं होती।
अवनीश और नितिन की बातचीत का आडियो भी पीड़ित पक्ष की तरफ से पुलिस को सौंप दी गई है। आडियो में अवनीश लगातार नितिन को कर्मचारी हटाने का दबाव बना रहा है। नहीं हटाने पर देख लेने की धमकी दी जा रही है। फोन पर एक-दूसरे को देख लेने की धमकी देने के बाद दोनों पक्ष एक्सप्रेसवे पर पहुंच गए थे। उसके बाद अवनीश पक्ष ने फायरिंग कर दी।
बता दें कि पुलिस उक्त दोनों पक्षों के कर्मचारियों को ही वहां बैठने दे रही थी। जबकि पुलिस ने अन्य युवकों को वहां से पहले ही उठा दिया था। एक्सप्रेसवे पर चर्चा थी कि फास्टैग लगाने वाले
कर्मचारियों से परतापुर पुलिस हर महीने रकम वसूली करती है । यही कारण है कि अन्य लोगों को यहां बैठने तक नहीं दिया जाता। हालांकि इंस्पेक्टर दिलीप बिष्ट का कहना है कि कई बार फास्टैग लगाने वाले कर्मचारियों को हटाया गया है । दोबारा से फिर यहीं बैठ जाते हैं।
सोमवार की रात सवा नौ बजे एक्सप्रेसवे के काशी टोल पर खुलेआम फायरिंग की गई। गनीमत रही कि गोली अन्य लोगों को नहीं लगी । फायरिंग की आवाज सुनकर वहां फास्टैग लगाने वाले सभी कर्मचारी एक्सप्रेसवे से नीचे खेत में कूद गए थे। अगर मौके से लोग नहीं भागते तो कई लोगों को गोली लग सकती थी। आसपास के लोगों का कहना है कि बेखौफ होकर आरोपित गोली चला रहा था। उसके साथी कार में बैठे थे।
एएसपी अंतरिक्ष जैन टोल के समीप फास्टैग लगा लिए कर्मचारी खड़े करने को लेकर विवाद हो गया था। इसी को लेकर एक पक्ष ने फायरिंग कर दी। दूसरे पक्ष के दो लोगों को गोली लगी है। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। साथ ही पूर्व प्रधान को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।