मेरठ 23 जून (प्र)। एनसीआरटीसी ने पूरे नमो भारत कॉरिडोर पर, सराय काले खां से मोदीपुरम के बीच नमो भारत ट्रेनों का समय-सारिणी बद्ध ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा किया, जिसमें ट्रेनों ने पूरी 82 किमी लंबी यात्रा एक घंटे से भी कम समय में पूरी की। इस ट्रायल के दौरान मेरठ मेट्रो ट्रेनें भी नमो भारत ट्रेनों के साथ चल रही थीं और सिस्टम ने सफलतापूर्वक परीक्षण पूर्ण किया।
यह दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ के बीच क्रियान्वित किए जा रहे भारत के प्रथम नमो भारत कॉरिडोर के परिचालन की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
इस ट्रायल के दौरान, नमो भारत ट्रेनों को पूरे 82 किलोमीटर के हिस्से में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अपनी अधिकतम परिचालन गति से निर्बाध रूप से चलाया गया।
ट्रेनों ने सराय काले खां से मोदीपुरम मेरठ के बीच हर स्टेशन पर स्टॉप लिया और एनसीआरटीसी द्वारा लक्षित शेड्यूल का पालन करते हुए एक घंटे से भी कम समय में इस दूरी को तय किया।
अभी तक इस कॉरिडोर पर 55 किलोमीटर में संचालन हो रहा है।
नमो भारत कॉरिडोर पर, विश्व में पहली बार प्रयोग होने वाले, एलटीई बैकबोन पर आधुनिक ईटीसीएस लेवल 3 हाइब्रिड सिग्नलिंग सिस्टम को डिप्लॉय किया गया है।
इस सिग्नलिंग सिस्टम ने हर स्टेशन पर इंस्टॉल किए गए प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) के साथ बिना किसी बाधा के, सफलतापूर्वक परीक्षण पूर्ण किया। यह सफल ट्रायल रन सिस्टम की तैयारी को रेखांकित करता है ।
वर्तमान में, 11 स्टेशनों के साथ कॉरिडोर का 55 किलोमीटर हिस्सा यात्रियों के लिए पहले से ही परिचालित है। कॉरिडोर के बचे हुए यानी दिल्ली में सराय काले खां और न्यू अशोक नगर के बीच 4.5 किलोमीटर और मेरठ में मेरठ साउथ और मोदीपुरम के बीच लगभग 23 किलोमीटर के अपरिचालित खंड पर अंतिम फिनिशिंग कार्यों के साथ-साथ ट्रायल रन तेजी से प्रगति कर रहे हैं।
एनसीआरटीसी द्वारा हासिल किया गया यह माइलस्टोन पूरे नमो भारत कॉरिडोर की पूर्ण कमीशनिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का संकेतक है।
ट्रेन संचालन का इंतजार, मोदीपुरम तक कारिडोर लगभग तैयार
नमो भारत कारिडोर पर मोदीपुरम तक नमो भारत रैक का ट्रायल जारी है लेकिन शहरवासी इस प्रतीक्षा में हैं कि आखिर ट्रेन का संचालन कब से शुरू हाेगा। संचालन का लक्ष्य जून 2025 रखा गया था। बहरहाल, इस प्रश्न का उत्तर अभी किसी के पास नहीं है क्योंकि किस हिस्से में ट्रेन का विस्तार कब किया जाएगा इसका निर्णय शहरी विकास मंत्रालय से होता है। उम्मीद है कि जल्द ही कम से कम शताब्दीनगर तक संचालन शुरू हो जाएगा।
संचालन की तैयारियों के बीच शताब्दीनगर स्टेशन से मोदीपुरम डिपो स्टेशन तक के निर्माण कार्यों की प्रगति को जान लेते हैं। शताब्दीनगर से मोदीपुरम तक कारिडोर के हिस्से का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। शताब्दी नगर से लेकर मोदीपुरम तक सभी स्टेशनों पर विद्युत आपूर्ति की जा चुकी है। सराय काले खां से लेकर मोदीपुरम तक विद्युत लाइन के लिए ओएचई स्थापित किया जा चुके हैं। ब्रह्मपुरी स्टेशन पर विद्युत आपूर्ति हो चुकी है, जो शताब्दी नगर के बाद एक मेट्रो स्टेशन है। इस स्टेशन के प्रवेश-निकास द्वार लगभग तैयार हैं। यहां तकनीकी कमरे बनाए जा चुके हैं और स्टेशन पर फिनिशिंग कार्य तीव्र गति से जारी है। इसके बाद भूमिगत हिस्सा शुरू होता है।
मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल भूमिगत स्टेशन हैं। इनमें से बेगमपुल से नमो भारत और मेरठ मेट्रो की सुविधा उपलब्ध होगी। बाकी दोनों भूमिगत स्टेशनों से केवल मेट्रो की सुविधा मिलेगी। मेरठ सेंट्रल स्टेशन पर एक प्रवेश-निकास द्वार तैयार है जबकि दूसरे प्रवेश-निकास द्वार पर कार्य तेज गति से किए जा रहे हैं। तकनीकी कमरे तैयार हैं और फिनिशिंग कार्य जारी है। भैंसाली स्टेशन पर भी तकनीकी कमरे बनाए जा चुके हैं।
स्टेशन पर तीन प्रवेश-निकास द्वार हैं, जिनमें से दो लगभग तैयार हैं। दिल्ली-मेरठ नमो भारत कारिडोर के सबसे गहरे बेगमपुल स्टेशन पर भी सिविल कार्य समापन के करीब है। इस स्टेशन पर चार प्रवेश-निकास द्वार हैं।
स्टेशन के अंदर के हिस्से पर भी फिनिशिंग कार्य जारी है। बेगमपुल स्टेशन पर व्यावसायिक कार्य के लिए भी अतिरिक्त तल है, इससे यहां पर चार तल हो चुका है। बेगमपुल के बाद फिर से एलिवेटेड हिस्सा शुरू हो जाता है, जिसमें एमईएस कालोनी, डोरली, मेरठ नार्थ और मोदीपुरम स्टेशन आते हैं। इनमें से केवल मोदीपुरम से मेरठ मेट्रो और नमो भारत की सुविधा मिलेगी, अन्य स्टेशन केवल मेट्रो के लिए बनाए गए हैं।
एमईएस कालोनी पर सिविल कार्य अंतिम चरण में है। प्रवेश-निकास द्वार का कार्य हो चुका है। फिनिशिंग कार्य भी तेज गति से जारी है। डोरली स्टेशन पर भी दो प्रवेश-निकास द्वार हैं, जो बनकर तैयार हैं। फिनिशिंग कार्य तेज गति से हो रहे हैं। मेरठ नार्थ और मोदीपुरम स्टेशन नेशनल हाईवे पर स्थित हैं। मेरठ नार्थ स्टेशन पर छत और पीईबी का काम हो चुका है। स्टेशन पर हाईवे से आने-जाने के लिए एफओबी बनाया जा रहा है, जिसकी छत बन चुकी है और ग्रिलिंग का काम जारी है।
स्टेशन के अंदर के हिस्से पर फिनिशिंग कार्य किए जा रहे हैं। मोदीपुरम स्टेशन के दोनों प्रवेश-निकास द्वार बनकर तैयार हैं। हाईवे के एक तरफ एफओबी भी बनाया जा चुका है। इसकी ग्रिल भी लग चुकी है। स्टेशन के भीतर तकनीकी कमरे बनकर तैयार हैं और फिनिशिंग का काम तीव्र गति से जारी है।
