Monday, August 11

47 साल बाद जिलों को मिलेंगे नए राजकीय औद्योगिक पार्क

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लखनऊ 08 अगस्त। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 47 साल बाद सभी जिलों में नए राजकीय औद्योगिक पार्क स्थापित करने की घोषणा की है. इस पहल के तहत, भू माफियाओं से छुड़ाई गई जमीनों का उपयोग किया जाएगा, जिससे उद्यमियों को सस्ते भूखंड उपलब्ध कराए जाएंगे. यह कदम राज्य के औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है. इसके लिए प्रदेश सरकार सभी 75 जिलों में निशुल्क जमीन उपलब्ध कराएगी, जिसे विकसित कर उद्यमियों को कम दाम पर दिया जाएगा। ये जमीनें ग्राम समाज और निष्प्रयोज्य होने के साथ भूमाफियाओं की भी होंगी। इस संबंध में कैबिनेट में पेश उत्तर प्रदेश लघु उद्योग औद्योगिक आस्थान नीति को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। उद्यमियों को न्यूनतम 2000 से 3000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर पर भूखंडों का आवंटन होगा। ये जानकारी एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने दी।

कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव के अनुमोदन की जानकारी देते हुए राकेश सचान ने बताया कि 1978 के बाद से नए औद्योगिक आस्थान नहीं बने थे। 1978 से 2022 तक ये आस्थान चले लेकिन भूखंड न होने, लैंड यूज बदलाव संबंधी तमाम दिक्कतों की वजह से नए आस्थानों की जरूरत महसूस की गई। नई नीति के तहत भूखंड की न्यूनतम कीमत पश्चिमांचल में 3000 रुपये वर्गमीटर, मध्यांचल में 2500 रुपये वर्गमीटर और पूर्वांचल व बुंदेलखंड में 2000 वर्गमीटर होगी। ये दरें वर्ष वित्त वर्ष 25-26 की हैं। फिर इनमें 5 फीसदी की वृद्धि की जाएगी। ये नीति तीन वर्ष के लिए लागू की गई है। वर्ष 27-28 के बाद इस नीति का नवीनीकरण किया जाएगा।

परिवहन और औद्योगिक विकास विभाग ने इस योजना को लागू करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है. जल्द ही ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें उद्यमी भाग लेकर भूखंड हासिल कर सकेंगे. यह कदम न केवल औद्योगिक विकास को गति देगा, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाने में सहायक होगा. उत्तर प्रदेश के इस महत्वाकांक्षी कदम से राज्य के उद्यमियों और युवाओं में उत्साह का माहौल है, जो इसे आर्थिक प्रगति की दिशा में एक नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं.

एमएसएमई मंत्री ने बताया कि एमएसएमई सेक्टर को सस्ती जमीन देने की सोच मुख्यमंत्री की है। जमीनों का आवंटन ई-नीलामी के जरिये किया जाएगा। भूखंड की कीमत का 10 फीसदी मार्जिन मनी देकर ई नीलामी में उद्यमी हिस्सा ले सकेंगे। इन भूखंडों के आवंटन में स्थानीय छोटे उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी। भू उपयोग परिवर्तन को मंजूरी शासन स्तर पर दी जाएगी। एससी-एसटी को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। लीज रेंट समय पर जमा न करने पर 18 फीसदी ब्याज लिया जाएगा। अभी 12 जिलों में नए राजकीय औद्योगिक आस्थान के प्रस्ताव आ चुके हैं। अलीगढ़ और कानपुर देहात में दो आस्थान लगभग तैयार हैं।

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