
मेरठ २२ दिसंबर (दैनिक केसर खुशबू टाइम्स)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को निरस्त कर उसकी जगह वीबी जी राम जी विधेयक बनाने के खिलाफ आज जिला व महानगर कांग्रेस ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। जिलाध्यक्ष गौरव भाटी और महानगर अध्यक्ष रंजन शर्मा ने भेजे ज्ञापन में कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पेश करने का कार्यक्रम तय कर एक अत्यंत चिंताजनक और सुनियोजित कदम उठाया है।
यह कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं है। यह एक ऐतिहासिक, अधिकार आधारित जन कानून को कमजोर करने और भारत के सबसे पहचाने जाने वाले कल्याणकारी कानून से महात्मा गांधी के नाम और मूल्यों को मिटाने का सोचा-समझा राजनीतिक प्रयास है।
मनरेगा जन आंदोलनों से जन्मा कानून है, जो हर हाथ को काम दो, काम का पूरा दाम दो्य के वादे को अपने भीतर समेटे हुए है । इसने ग्रामीण भारत के लोगों को काम मांगने का कानूनी अधिकार दिया, पूरे ग्रामीण भारत में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी सुनिश्चित की, विकेंद्रीकृत शासन को मजबूत किया, महिलाओं और श्किए जा सकने वाले अधिकारों के माध्यम से श्रम की गरिमा को कायम भूमिहीनों को सशक्त बनाया तथा लागू्य रखा ।
भाजपा किस प्रकार मनरेगा को कमजोर कर रही है।
- महात्मा गांधी का नाम हटाया जाना अधिनियम से महात्मा गांधी का नाम हटाने का सचेत निर्णय गहराई से वैचारिक है। गांधी जी श्रम की गरिमा, सामाजिक न्याय और सबसे गरीबों के प्रति राज्य की नैतिक जिम्मेदारी के प्रतीक रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की मांग की।
