शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में रिहायशी भूमि पर बने कॉमर्शियल भवनों को तोड़े जाने पर जोरशोर से कार्रवाई चल रही है। मीडिया में हर समाचार प्रमुखता से छप रहा है। आवास विकास प्रशासन शासन हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार कार्रवाई को अंजाम दे इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन यह जरूरी है कि जिन अफसरों की तैनाती के दौरान यह निर्माण हुए और उनमें से कुछ के खिलाफ कार्रवाई की बात सुनने को मिली थी लेकिन अफसर के संबंध में क्या हो रहा है यह किसी को पता नहीं है। एक तरफ आवास विकास के अधिकारी सेंट्रल मार्केट की दुकानें तोड़ने पर आमदा है लेकिन शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में नागरिकों के अनुसार जेना ज्वैलर्स की बिल्डिंग रिहायशी भूमि पर बनी है उसके कामर्शियल होने की खबर है। पूर्व में इंजीनियर आफताब अहमद ने उस पर सील लगाने की कार्रवाई शुरू की थी तो विभाग के मुख्य अभियंता राजीव कुमार ने उसे रोक दिया और अब नियम विरूद्ध उसे शमन करने की कार्रवाई की जा रही है। आखिर इसे तोड़ने में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा। अगर मानचित्र रिहायशी में पास है तो निर्माण उसके विपरीत है। नगारिकों के अनुसार मुख्य अभियंता इस निर्माण को बचाने के लिए कोशिश क्यों कर रहे हैं इसकी जांच कराकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाए और उनकी सेवाएं समाप्त की जाए। ऐसे अधिकारी के रहते अवैध निर्माण और रिहायशी भूमि पर कॉमर्शियल निर्माण नहीं रूक सकता।
(प्रस्तुतिः- दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में आवासीय भूमि पर जेना ज्वैलर्स के बताए जा रहे निर्माण पर मुख्य अभियंता क्यों है मेहरबान, क्यों नहीं की सील की कार्रवाई
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