मेरठ 20 सितंबर (प्र)। एक बाल अपचारी अपने स्कूल की दीवार फांदकर भाग निकला। करीब 10 घंटे तक अफरातफरी मची रही, जिसके बाद उसे काली नदी के पास से बरामद कर लिया गया। बाल अपचारी के बरामद होने के बाद बाल गृह व पुलिस ने राहत की सांस ली। देर रात डाक्टरी के बाद बाल अपचारी को बाल गृह भेज दिया गया।
सूरज कुंड स्थित बाल गृह से 30 बच्चे जागृति विहार स्थित एक स्कूल में पढ़ने के लिए आते हैं। सुबह बाल गृह की वैन इन्हें लेकर जाती है और छुट्टी के बाद वापस लेकर आती है। शुक्रवार को भी हर रोज की तरह बच्चे स्कूल चले गए। करीब साढ़े दस बजे इन्हीं बच्चों में शामिल 13 वर्षीय बाल अपचारी टीचर से टॉयलेट जाने की बात कहकर निकल गया लेकिन वापस नहीं आया।
करीब आधा घंटे तक वह बाल अपचारी कक्षा में नहीं लौटा तो टीचर ने स्टाफ को उसे देखने के लिए भेजा। स्टाफ ने उसकी सभी जगह तलाश की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया। कैमरे चेक किए गए तो पता चला कि वह टॉयलेट तो गया लेकिन वहां से वापस नहीं आया।
बाल गृह के स्टाफ को जब यह पता चला कि एक बाल अपचारी गायब हो गया है तो वह जागृति विहार स्थित स्कूल पहुंच गए। पता चला कि जो बाल अपचारी भागा है, उसकी उम्र 13 वर्ष है और वह कक्षा दो में पढ़ रहा है। तत्काल मेडिकल पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस मौके पर पहुंची और उसकी तलाश में जुट गई।
पुलिस की मानें तो बाल अपचारी मूलरूप से भागलपुर बिहार का रहने वाला है। वह जून, 2025 में मेरठ बाल गृह शिफ्ट हुआ था। इसी दौरान उसका एडमिशन जागृति विहार के स्कूल में करा दिया गया। इससे पहले वह गाजियाबाद सीडब्ल्यूसी में रहा था। वहीं से उसे मेरठ शिफ्ट किया गया था।
करीब 9 घंटे तक पुलिस और बाल गृह का स्टाफ बच्चे की तलाश करता रहा। देर शाम करीब साढ़े सात बजे वह लावारिस घूमता हुआ काली नदी के पास से बरामद हो गया। वह काफी डरा हुआ था, इसलिए पुलिस ने उससे ज्यादा पूछताछ नहीं की।
बाल गृह के स्टाफ को उसने इतना बताया कि उसके साथी उसकी कॉपी में गलत काम कर देते हैं, जिस कारण टीचर उसे डाटती है। इसलिए टायलेट की दीवार फांदकर वह बाहर निकल आया।
