Thursday, November 13

अवैध निर्माण पर जैना ज्वेलर्स को थमाया नोटिस

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मेरठ 29 सितंबर (प्र)। शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट स्थित जैना ज्वेलर्स के अवैध निर्माण को लेकर आवास एवं विकास परिषद कटघरे में आ गया है। अफसर की मिलीभगत से आवासीय प्लाट पर व्यावसायिक निर्माण कर लिया और अफसरों ने सेटिंग कर पूरे मामले में लीपापोती कर दी। सीएम पोर्टल पर शिकायत हुई तो आनन फानन में आवास विकास ने जैना ज्वेलर्स को नोटिस थमाकर अपनी गर्दन बचाने की कोशिश की है। मामला तूल पकड़ रहा है।

परिषद ने अधिशासी अभियंता आफताब अहमद के माध्यम से शोरूम संचालकों को नोटिस जारी कर कहा है कि शास्त्रीनगर 259/6 में भू उपयोग परिवर्तन के जरिए व्यापारिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं, इसलिए 15 दिन के भीतर जवाब देना होगा। पर सवाल यही उठ रहा है कि जब यह भव्य शोरूम बन रहा था, तब परिषद क्यों चुप बैठी रही? जब फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी ने शोरूम का उद्घाटन किया और पूरा शहर उस तारीख पर चर्चा कर रहा था, तब परिषद ने ध्यान क्यों नहीं दिया? उद्घाटन के बाद भी एक सप्ताह तक कारोबार चलता रहा और अब अचानक परिषद को नियम याद आ रहे हैं।

दरअसल, जब जैना ज्वेलर्स का आवासीय प्लॉट पर निर्माण शुरू हुआ, तभी सवाल उठने शुरू हो गए थे कि यहां आवासीय काम नहीं, व्यावसायिक निर्माण हो रहा है, लेकिन सभी ने चुप्पी साधे रखी निर्माण पूरा हो गया और शोरूम भी खुल गया, तब भी आवास विकास परिषद नहीं जागा । जिस रोड पर यह निर्माण किया गया है, वहां आवासीय को व्यावसायिक में कंपाउंड किया ही नहीं जा सकता, लेकिन अधिकारियों ने मिलकर यह खेल भी कर दिया। आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर उठाया तो आवास परिषद में हड़कंप मचा और खुद को सुरक्षित करने के लिए ही नोटिस जारी कर दिया। खुराना ने आरोप लगाया कि आवास विकास परिषद पूरे मामले में खेल कर रही है।

बता दें कि लोकेश खुराना की ओर से डाली गई पीआईएल पर ही सेंट्रल मार्केट के अवैध कांप्लेक्स को गिराने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया हुआ है। इस मामले में भी आवास विकास की कार्रवाई सवालों के घेरे में बनी हुई है। केवल जैना ज्वेलर्स ही नहीं, बल्कि शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में और भी कई अवैध निर्माण हैं, जिन पर परिषद ने आंख मूंद रखी है।

अधिकारी बचाव में कार्रवाई संदिग्ध
आवास एवं विकास परिषद के एसई राजीव कुमार का कहना है कि जैना ज्वेलर्स का नक्शा कंपाउंडिंग हुआ था। अब जांच की जा रही है कि निर्माण उसी हिसाब से है या नहीं। यदि गड़बड़ी पाई गई तो कार्रवाई होगी। फिलहाल नोटिस के 15 दिन पूरे होने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

जब नियम तोड़े, तभी रोक क्यों नहीं लगाई ?
सेंट्रल मार्केट के व्यापारी हरि शर्मा, नरेंद्र चौधरी, रेखा शर्मा, विकास कुमार आदि व्यापारियों का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई सिर्फ औपचारिकता और दिखावा है। निर्माण के वक्त चुप रहना और हाई- प्रोफाइल उद्घाटन पर मौन साधना परिषद की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर रहा है। अब अचानक नोटिस जारी कर परिषद खुद को बचाने की कोशिश कर रही है। सवाल यह है कि नियम तोडे गए थे तो रोक पहले क्यों नहीं लगाई गई?

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