आजकल सरकारें विभिन्न जिलों महानगरों का नाम बदलकर महापुरूषों के नाम पर रख रही है। कहीं इसका विरोध भी होता नजर नहीं आता जिससे लगता है कि आम आदमी इस नीति का समर्थक है और यह सब उसकी भावनाओं के तहत हो रहा लगता है। इस बिंदु को ध्यान में रख मेरा मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी को नीति निर्धारण के तहत फिरोजाबाद जो चूड़ियों व सुहाग के प्रतीक के रूप में भी चर्चित रहता है का नाम सुहागनगरी रखा जाए। अभी कुछ माह पहले पहलगाम में हुए नरसंहार के बाद देश में ऑपरेशन सिंदूर चलाकर दोषियों को खूब सबक सिखाया गया। आम आदमी ने भी सिंदूर ऑपरेशन की प्रशंसा की। ऐसे में अगर फिरोजाबाद का नाम सुहागनगरी रखा जाता है तो मुझे नहीं लगता कि कहीं कोई विरोध होगा।
इसी प्रकार आम आदमी की भावनाओं को ध्यान में रखते और समाज में अल्पसंख्यकों को बढ़ावा देने की जो कार्यप्रणाली अपनाई जा रही है उसके तहत पूरी दुनिया को पर्यावरण संदेश और जीव जंतुओं की रक्षा का संदेश देने वाले बिश्नोई समाज के गुरू जम्भेश्वर महाराज के नाम पर रखा जाए बीकानेर का नाम। राजस्थान में बिश्नोई समाज द्वारा जीव जंतुओं और पेड़ों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयास तथा हर प्रकार के प्रदूषण से मुक्ति दिलाने को ध्यान में रख मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस बारे में जो भी कार्यनीति हो उसे अपनाते हुए जोधपुर का नाम गुरू जम्भेश्वर जी महाराज के नाम पर रखा जाए। इससे एक तो नाम की सार्थकता सही सिद्ध होगी केद्र व प्रदेश सरकार द्वारा महापुरूषों को सम्मान देने के लिए जिलों के नाम बदले जा रहे हैं वो भी पूर्ण होंगे। इसके साथ ही एक वृक्ष को कटने से बचाने के लिए ३६२ महिलाओं सहित शहीद हुई अमृता देवी बिश्नोई के नाम पर रखा जाए राजस्थान के किसी बड़े शहर का नाम।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
गुरु जम्भेश्वर के नाम पर जोधपुर, शहीद अमृता के नाम पर किसी शहर का तथा फिरोजाबाद का नाम रखा जाए सुहागनगरी
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