आजकल सरकार द्वारा जीएसटी में की गई कटौती का प्रचार जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों व नेताओं के माध्यम से कराया जा रहा है। कई नेता घर घर जाकर तो कुछ सम्मेलन कर तो कितने ही व्यापार संघों की बैठक कर जीएसटी कटौती का प्रचार करने में पीछे नहीं है।
लेकिन जितना दिखाई दे रहा है जीएसटी छूट का लाभ आम आदमी को कुछ जगह नहीं मिल रहा है। कुछ स्थानों पर खानापूर्ति के प्रयास ही होते नजर आ रहे हैं। मेरा मानना है कि सरकारों व उसकी सहयोगी दलों के नेताओं को दुकानों पर जाकर इस बात का सत्यापन किया जाए कि जीएसटी लागू रहते हुए कौन सा सामान किस भाव बिक रहा था और अब इसमें कटौती के बाद उसकी कीमत क्या है। बड़े उद्योगपति फैक्ट्री संचालक और दुकानदार उपभोक्ता को जीएसटी कटौती का लाभ दे रहे हैं या नहीं। क्योंकि जहां तक सुनने पढ़ने को मिल रहा है कुछ उद्योगपतियों ने कीमत घटाने की बजाय उसका वजन बढ़ाने की बात की। नया माल बाजार में नहीं आया और पुराने पैकेट ही बेचे जा रहे हैं। खुदरा व्यापारी इस कटौती का लाभ आम आदमी को देना नहीं चाहते। ऐसा अनेकों उपभोक्ताओं का कहना है । यह सही है या गलत यह तभी पता चलेगा तब जनप्रतिनिधि सामान खरीदें और जीएसटी अधिकारियों को ग्राहक के रूप में भेजें। अगर छूट नहीं दी जा रही तो कार्रवाई की जाए। जीएसटी कटौती का लाभ जनता को मिलना ही चाहिए यह सुनिश्चित करना शासन प्रशासन की जिम्मेदारी है।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
आम आदमी को शायद नहीं मिल रहा जीएसटी छूट का लाभ, सत्ता दल के नेता और अधिकारी ग्राहक के रूप में जाकर करें सत्यापन
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