मेरठ 08 नवंबर (प्र)। देश के बहुचर्चित 42 हजार करोड़ के बाइक बोट घोटाले और मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री प्रकरण में आरोपित विजेंद्र हुड्डा के कंकरखेड़ा की शिवलोकपुरी कालोनी स्थित मकान को सील कर ईडी ने नोटिस चस्पा कर दिया है। स्पष्ट कर दिया कि आगे की कार्रवाई तक घर में कोई भी प्रवेश नहीं कर सकेगा। ईडी की टीम फर्जी डिग्री प्रकरण की जांच कर रही है। बाइक बोट घोटाले का मामला गाजियाबाद कोर्ट में विचाराधीन है। इस मुकदमे में अग्रिम जमानत मिलने के बाद ही विजेंद्र विदेश से लौटकर आया था।
मूलरूप से हरियाणा के फरीदाबाद का निवासी विजेंद्र हुड्डा के कंकरखेड़ा की शिवलोकपुरी कालोनी में दो मकान हैं। एक में किरायेदार रहते हैं, जबकि दूसरा बंद पड़ा है। हरियाणा के पलवल में विजेंद्र का फार्म हाउस है। जनपद हापुड़ के पिलखुवा में उसकी मोनाड यूनिवर्सिटी है। एसटीएफ लखनऊ ने 17 मई को मोनाड यूनिवर्सिटी के सर्वर की जांच की तो पता चला कि यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री पर अमेरिका, दुबई, कनाड़ा और लंदन तक युवक नौकरी कर रहे हैं। सर्वर में वहां की कंपनियों की वेरीफिकेशन मेल मिली थीं। साथ ही बिहार और झारखंड का भी कनेक्शन सामने आया।
एसटीएफ ने विजेंद्र समेत 17 लोगों को फर्जी डिग्री प्रकरण में जेल भेजकर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। विजेंद्र इसमें जमानत पा चुका है, लेकिन दूसरे मुकदमे की वजह से गाजियाबाद की डासना जेल में बंद है। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि विजेंद्र ने फर्जी डिग्री बेचकर करोड़ों रुपया कमाया है। उक्त संपत्तियों की जांच ईडी कर रही है।
ईडी ने गुरुवार को एक साथ विजेंद्र के सभी ठिकानों पर छापामारी की थी। शिवलोकपुरी में उसके बंद पड़े मकान का ताला खुलवाकर सर्च किया गया। उसके बाद मकान पर नोटिस चस्पा कर सील कर दिया गया है। बता दें कि विजेंद्र बसपा के टिकट पर बिजनौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुका है।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि ईडी की कार्रवाई में पुलिस का सहयोग लिया गया था। उसके बाद भी पुलिस उक्त मकान की निगरानी करती रहेगी। ईडी देख रही है कि विजेंद्र ने फर्जी डिग्री से कमाई रकम कहां लगाई है।
