Wednesday, November 12

हापुड़ रोड से दिल्ली-दून बाईपास तक रिंग रोड पर फिर फंसा पेंच, मेडा और पीडब्ल्यूडी में खींचतान

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मेरठ 08 नवंबर (प्र)। हापुड़ रोड से दिल्ली रोड होते हुए दिल्ली-टून बाईपास तक बनने वाली रिंग रोड एक बार फिर अटक गई है। परियोजना को लेकर मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के बीच जिम्मेदारी को लेकर मतभेद गहराते जा रहे हैं। सवाल अब यह है कि सड़क कब बनेगी। जमीन खरीद की प्रक्रिया कब शुरू होगी, इन दोनों सवालों का जवाब अभी तक किसी के पास नहीं है।

बोर्ड बैठक में तय हुआ था कि जमीन की खरीद और सड़क निर्माण दोनों का कार्य पीडब्ल्यूडी करेगा। इसके लिए मेडा ने अपने कोष से 100 करोड़ रुपये देने का निर्णय था, जबकि 62 करोड़ रुपये शासन से मिलेंगे। रिंग रोड के निर्माण के लिए लगभग 15 हेक्टेयर जमीन खरीदी जानी है। इसमें सुंदरा पूठा और रिठानी गांव से 2.7 हेक्टेयर और गूमी, बुढेड़ा जाहिदपुर व जुनिपुर गांवों से करीब 12 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जानी है। कुल प्रक्रिया की लागत लगभग 162 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसमें निबंधन शुल्क भी शामिल है। मेडा अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड में निर्णय के बाद सभी आवश्यक दस्तावेज पीडब्ल्यूडी को दे दिए गए हैं और धनराशि भी आरक्षित कर रखी गई है।

वहीं, पीडब्ल्यूडी का कहना है कि अभी तक उन्हें कोई पत्र या दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए हैं, जिसके कारण जमीन खरीद की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। रिंग रोड की चौड़ाई 24 मीटर तय की गई है और भविष्य में इसे बढ़ाने के लिए दोनों ओर 10-10 मीटर जमीन आरक्षित की जाएगी। फिलहाल परियोजना विभागीय तालमेल के अभाव में ठप पड़ी है। शहरवासी एक बार फिर रिंग रोड की घोषणा के पूरे होने का इंतजार कर रहे हैं।

रिंग रोड भूमि खरीद में दस्तावेजों का इंतजार
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता सत्येंद्र कुमार ने बताया कि रिंग रोड परियोजना के लिए मेडा की ओर से अभी तक कोई औपचारिक जानकारी या आवश्यक दस्तावेज नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही मेडा से पत्राचार और संबंधित कागजात प्राप्त होंगे, भूमि खरीद की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी। फिलहाल, विभाग केवल एलाइनमेंट सर्वे रिपोर्ट के आधार पर प्रारंभिक तैयारी कर रहा है। सत्येंद्र कुमार ने स्पष्ट किया कि बिना आधिकारिक दस्तावेजों के भूमि क्रय की कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती और संबंधित विभाग को सूचना देने पर ही आगे कार्रवाई संभव है।

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