शास्त्रीनगर के सेंट्रल मार्केट में अवैध कॉम्पलैक्स को तोड़ने के बाद भी यहां आवासीय भूमि पर काम्पलैक्स बनाने वाले जैना ज्वैलर्स के मामले में सूचना का अधिकार कार्यकर्ता लोकेश खुराना की ७ जून २०२४ को दायर जनहित याचिका का संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त निर्णय लिया तथा लोकेश खुराना की याचिका पर न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की एकल पीठ द्वारा आवास आयुक्त बलकार सिंह को अदालत के आदेश का अनुपालन ना किए जाने के लिए अधिवक्ता वीरेंद्र चौहान की पैरवी के बाद नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया गया कि वो एक माह के भीतर आदेश का अनुपालन कर हलफनामा दाखिल करें। अब यह तो पक्का है कि आवास आयुक्त को कार्रवाई तो करनी ही पड़़ेगी।
मगर सवाल यह उठता है कि मेरठ में आवास विकास के मुख्य अभियंता राजीव कुमार और उनके सहयोगी अधिकारियों की नागरिकों के अनुसार की जा रही गलती पर गलती और सुविधाएं जुटाने के लिए शासन के आदेशों और सरकार की निर्माण नीति के उल्लंघन के लिए आवास आयुक्त और प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त कराने की नीति के तहत संबंधित विभाग आखिर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा। आज कितने ही लोग यह कहते सुने गए कि लोकेश खुराना को इन अवैध निर्माणों और इनके चलते जनता को होने वाली परेशानियों के चलते आवास विकास के अधिकारियों के खिलाफ भी इसी प्रकार की सख्त कार्रवाई के प्रयास कराने चाहिए। अगली सुनवाई इस मामले में 22 जनवरी २०२६ को होनी है। यह भी पक्का है कि लोकेश खुराना द्वारा की जा रही पैरवी के चलते जैना ज्वैलर्स के खिलाफ भी कार्रवाई होना तय है बस देखना यह है कि स्थानीय अपर आवास आयुक्त मुख्य अभियंता राजीव कुमार और उनके सहयोगियों द्वारा जिस प्रकार से आवास विकास की कॉलोनियों जागृति विहार माधवपुरम शास्त्रीनगर मंगल पांडेय नगर आदि में जो अवैध निर्माणों और सरकारी जमीन दबाकर निर्माण नीति के उल्लंघन के साथ ही इमारतें बनाई जा रही हैं जानकारों के अनुसार उसके लिए दोषी आवास विकास के अधिकारियों पर कब होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री जी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे अधिकारियों पर दें ध्यान! जैना ज्वैलर्स आदि अवैध निर्माणों के लिए सीधे जिम्मेदार मुख्य अभियंता आवास और उनके सहयोगियों पर उच्चाधिकारी कब करेंगे कार्रवाई
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