मेरठ 14 अक्टूबर (प्र)। मेरठ विकास प्राधिकरण इंजीनियरों की सेटिंग के खेल भी निराले हैं। रोहटा रोड पर कब्रिस्तान से सटी जमीन का मानचित्र आवासीय में स्वीकृत करा लिया गया और निर्माण व्यवसायिक कर दिया गया। ये खेल यही नहीं, बल्कि पूरे शहर में चल रहा हैं। इस तरह से प्राधिकरण को राजस्व का नुकसान किया जा रहा हैं। रोहटा रोड पर हम जिस निर्माण की बात कर रहे हैं, उसका आवासीय में मानचित्र स्वीकृत हैं, लेकिन पूरा उपयोग ही व्यवसायिक में कर दिया गया हैं।
वर्तमान में दुकानों का निर्माण चल रहा हैं। अगले दो दिन के भीतर इस पर लिंटर भी डाल दिया जाएगा। दीवार पूरी खड़ी हो गई हैं, लेकिन प्राधिकरण इंजीनियरों की तरफ से इसमें कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई हैं। क्योंकि सेटिंग का खेल चल रहा हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष को भी इंजीनियर गुमराह कर रहे हैं। अवैध निर्माण कराने वाले इंजीनियरों पर एफआईआर दर्ज नहीं कराई जा रही हैं। मेट पर तो कार्रवाई की गई, मगर इंजीनियर प्राधिकरण उपाध्यक्ष के काबू में नहीं आ रहे हैं। ये तो रोड के ऊपर चल रहा निर्माण हैं, जो दिखाई नहीं दे रहा हैं।
पूरे क्षेत्र में निर्माण ही निर्माण चल रहे हैं, लेकिन इनको कोई रोकने-टोकने वाला नहीं हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय दो टूक कह चुके है कि व्यवसायिक निर्माण और अवैध कॉलोनी पर कार्य किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा, लेकिन यहां अवैध कॉलोनी भी विकसित हो रही है और व्यवसायिक निर्माण भी चल रहे हैं। इन पर अंकुश नहीं लग पा रहा हैं, जिसके लिए सीधे इंजीनियर की जवाबदेही बनती हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने जोनल अधिकारी अर्पित यादव को अवैध निर्माण रोकने की जिम्मेदारी दे रखी हैं, लेकिन वह भी इंजीनियरों पर लगाम नहीं कस पा रहे हैं।
उनको भी गुमराह करने से इंजीनियर पीछे नहीं हैं, तभी तो आवासीय मानचित्र स्वीकृत कराने के बाद व्यवसायिक बड़ा निर्माण किया जा रहा हैं। इसमें भी एक-दो दुकान नहीं, बल्कि व्यापक स्तर पर काम चल रहा हैं। पहले पिलर्स लगा दिये गए हैं। फिर दीवार खड़ी कर दी गई। अब लिंटर डालने की तैयारी चल रही हैं। आखिर इस अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदारों पर क्या प्राधिकरण उपाध्यक्ष गाज गिरायेंगे या फिर इसी तरह से अवैध निर्माण चलते रहेंगे, जिनको मौन स्वीकृति नीचले स्तर से लेकर ऊपर तक दी जाती रहेगी।