लखनऊ 14 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश में बिजली कनेक्शन की दरों में 30 से 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। पावर कॉरपोरेशन ने चौथी बार संशोधित कॉस्ट डेटा बुक का प्रस्ताव राज्य विद्युत नियामक आयोग को भेज दिया है। इस प्रस्ताव में भी नए कनेक्शन और उपभोक्ता सामग्री की वस्तुओं में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है।
नए प्रस्तावों में किसानों और छोटे उपभोक्ताओं को कुछ राहत दी गई है। किसानों और छोटे उपभोक्ताओं को नया बिजली कनेक्शन लेने पर न्यूनतम 25 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगवाना पड़ता है। नए प्रस्ताव में इसे 10 केवीए सिंगल फेस, 16 केवीए 3 फेस और 25 केवीए के ऊपर अलग-अलग कैपेसिटी में करने की बात कही गई है।
नई ट्रांसफार्मर व्यवस्था से छोटे किसानों को थोड़ी राहत मिलेगी. ऐसे में अब उन्हें 25 केवीए का ही ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा, इसके लिए अब 12 किलोवाट तक निजी नलकूप पर 16 केवीए का ट्रांसफार्मर लगवाने से भी काम चल जाएगा. इससे किसानों को 20 हजार रुपये तक की बचत होगी.
नई कॉस्ट डाटा बुक में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरों को पावर कॉरपोरेशन ने दाखिल नहीं किया है, जिसे लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं. दूसरी तरफ यूपी विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसके विरोध का एलान किया है. परिषद ने कहा कि वो आयोग की बैठक में प्रस्तावित मनमानी बढ़ोतरी का विरोध करेंगे. परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि उद्योगों व इलेक्ट्रिक व्हीकल की सिक्योरिटी धनराशि की दरों में 100 प्रतिशत से ज्यादा की बढोतरी चौंकाने वाली है. प्रस्ताव में जीएसटी का अलग से जिक्र भी किया गया है.
कॉस्ट डाटा बुक मेंम सिक्योरिटी राशि की मौजूदा व प्रस्तावित दरों की बात की जाए तो चार्जिंग सब स्टेशन 400 रुपये प्रति किलोवाट बढ़कर 3000 रुपये प्रति किलोवाट किया है, लार्ज एवं हेवी श्रेणी को 2200 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति किलोवाट किया, स्माल एवं मीडियम पावर को 1350 से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति किलोवाट और नॉन इंडस्ट्रियल लोड को 4500 रुपये से बढ़ा 6000 रुपये प्रति किलोवाट किया गया है.