मेरठ 06 दिसंबर (दैनिक केसर खुशबू टाइम्स)। आजकल वाहनों की बढ़ती संख्या और दुकानों के अंदर का ज्यादा सामान सड़क पर लगाये जाने एवं ईरिक्शाओं के कारण नागरिकों को सुरक्षित आवागमन में हो रही परेशानी का ही समाधान अभी नहीं हो पा रहा था कि अब नगर निगम आदि के ठेकेदारों की निरंकुश कार्यप्रणाली और नियमों के विरूद्ध दिन में सड़कों पर काम करने से जाम की समस्या विकराल होती जा रही है। और वाहन चालकों के घायल होने की भी खबरें पढ़ने व सुनने को मिल रही है। नागरिक इस अव्यवस्था को रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर देख रहा है। देखों उनका ध्यान इधर कब तक जाता है। अभी बीते दिवस थापर नगर से होकर बच्चा पार्क जाने का मौका मिला तो नाले किनारे सड़क पर भंयकर जाम की स्थिति देखकर ताज्जुब हुआ। जब जानकारी की तो पता चला कि जगह जगह सड़क पर पाईप डालने का काम हो रहा है जिसमें कोई बुराई भी नहीं थी लेकिन पहले यह सभी कार्य सड़क पर होते थे चाहे वो मार्ग बनाने का हो नाले नाली बंद करने का हो पाईप डालने का रहा हो सब रात्रि में होते थे।
जागरूक नागरिकों का कहना है कि ठेके छोड़े जाने के नियमों में भी यह बिन्दु शामिल होता है। लेकिन किसी को देखने की फुर्सत ना होने के चलते ठेकेदार साहब अपनी मन मर्जी से कहीं भी बोर्ड लगाकर जब चाहे आवागमन बंद कर देते है अथवा जाम व दुर्घटनाओं का कारण बनते है। आश्चर्य इस बात का है कि आए दिन चालान करने वाली ट्रैफिक पुलिस इन नियम विरूद्ध कार्य करने वाले ठेकेदारों के सड़क पर रखे सामान और खड़ी गाड़ियों का चालान भी नहीं करते। यह समस्या किसी एक गली मौहल्ले की नहीं है नागरिकों के अनुसार सारे प्रदेश में ही ऐसा ही कुछ नजर आता है। लेकिन अगर जिलाधिकारी जी और जिला पुलिस कप्तान थोड़ा सा ध्यान दें तो इस व्यवस्था से लगने वाले जाम से आम आदमी को छुटकारा मिल सकता है।
