
मेरठ 09 दिसंबर (दैनिक केसर खुशबू टाइम्स)। रूड़की रोड से लावड़ जाने वाले मार्ग पर केश कॉलेज के सामने बन रही बिल्डिंग की शुरूआत में जब पहला लेंटर पड़ा तो मेडा के संबंधित अधिकारियों द्वारा उस पर सील लगाई गई थी। जिसे तोड़कर निर्माणकर्ता ने निर्माण जारी रखा। लेकिन क्षेत्र के संबंधित मेडा के अधिकारी की लापरवाही कहे या निर्माणकर्ता से मिलीभगत जो भी हो अब जब दूसरा लेंटर पड़ चुका है तीसरे की तैयारी चल रही है तब प्रर्वतन उप प्रभारी प्रमोद कुमार वर्मा द्वारा निर्माणकर्ता के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है। पूर्व में इस निर्माण को रोकने के लिए 29 सितंबर को नोटिस जारी किया गया। 15 अक्टूबर को सुनवाई का समय दिया गया था। मेडा ने 1 नवंबर को सील की कार्रवाई की थी। लेकिन लगी सील तोड़कर काम लगातार चलता रहा। खिलाफ प्राथमिकी दर्ज के लिए कार्रवाई शुरू की गई है। इस संदर्भ में लोगों का कहना है कि अगर मेडा के अवैध निर्माण रोकने से संबंध प्रवर्तन विभाग के अधिकारियों से आपकी सेटिंग है तो आप खुलकर अवैध निर्माण कर सकते है। सील लगाने और एफआईआर कराने अथवा नोटिस देकर सुनवाई की कार्रवाई दिखावे के लिए होती रहेगी। जिसके जीते जागाते उदाहरण के लिए इस निर्माण को देखा जा सकता है।
बताते है कि निर्माण से संबंध शिकायत मेरठ मंडलायुक्त जी जिलाधिकारी और मेडा वीसी को भी की जा चुकी हैं। लेकिन अवैध निर्माण रोकने की आड़ में संबंधित अधिकारी किस प्रकार से अवैध निर्माणों को बढ़ावा दे रहे है। यह निर्माण इसका जिता जगाता उदाहरण है। नागरिकों का कहना है कि जब सभी अफसरों को शिकायत की जा चुकी है मगर ना निर्माण रूक रहा है और न कर्ता के विरूद्ध कार्रवाई हो रही है। मानचित्र भी पास नहीं बताते है। ऐसे में तो माननीय मुख्यमंत्री जी के यहां से ही कोई कार्रवाई संभव हो सकती है। लेकिन जिस प्रकार से निरंतर निर्माण जारी है उससे यही लगता है कि यह सब उच्च अधिकारियों को गुमराह करने व अपना बैंक बैंलेस बढ़ाने का प्रयास ही प्रवर्तन विभाग का हो सकता है। जेई एई और अन्य अफसर खुश है तो सील लगे या एफआईआर हो अवैध निर्माण तो रहेगा जारी।
इसके जीते जागते उदाहरण के रूप में केश कॉलेज के सामने हो रहे इस अवैध निर्माण को देखा जा सकता है जहां सील लगने और एफआईआर होने के बाद भी निर्माण कार्य जारी है।
