Saturday, December 27

व्यापारियों ने अधिग्रहण का किया विरोध, बोले- दुकान के बदले दुकान मिलेगी, तभी देंगे कब्जा

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मेरठ 27 दिसंबर (प्र)। रैपिड रेल कारिडोर के चलते संकरी हुई दिल्ली रोड के लिए दोनों और 70 दुकानें और भवनों से जमीन अधिग्रहण कर चौड़ा करने की तैयारी है। दोनों ओर नाले को शिफ्ट कर सड़क को तीन- तीन मीटर चौड़ा किया जाएगा। इस अधिग्रहण में पांच दुकानें ऐसी हैं, जो पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएंगी। इन दुकानों के मालिक व्यापारियों ने शुक्रवार को अधिग्रहण के विरुद्ध प्रदर्शन और हंगामा किया। उन्होंने दुकानों पर विरोध में काले बैनर भी लगा रखे हैं। व्यापारियों ने कहा कि उनका रोजगार समाप्त हो रहा है। उन्हें दुकान के बदले दुकान और मुआवजा मिलेगा, तभी दुकान पर कब्जा देंगे, अन्यथा कब्जा किसी कीमत पर नहीं देंगे।

शुक्रवार को बहादुर मोटर के सामने स्थित सरदारजी ढाबा के मालिक हरवंश सिंह के पुत्र मनप्रीत सिंह, अजय पान भंडार, ब्रह्म अवतारी टी स्टाल के मालिक देवराज सखूजा, शिवम प्रोविजन स्टोर के मालिक अनिल कुमार, सोनू डिस्पोजल स्टोर के मालिक अरुण कुमार ने सड़क पर खड़े होकर हाथ में काला बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की। उन्होंने दुकानों पर भी विरोध में काले बैनर लगा रखे हैं। व्यापारियों ने बताया कि उनके परिवार पिछले 70 साल से यहां रोजगार कर रहे हैं। पांच व्यापारियों की पूरी दुकान अधिग्रहण में जा रही है। उनका व्यापार ही खत्म हो रहा है। जिला प्रशासन के पास जाते हैं, तो जिलाधिकारी मिलते नहीं है।

एडीएम भूमि अध्याप्ति के कार्यालय से उन्हें एनसीआरटीसी कार्यालय भेजा जाता है। वहां अधिकारी उनसे बात नहीं कर रहे हैं। व्यापारी चक्कर लगाकर थक चुके हैं। व्यापारियों के पास आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि वे अधिग्रहण और सड़क चौड़ीकरण का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन जिन लोगों का व्यापार खत्म हो रहा है, उनके व्यापार की व्यवस्था की जाए। उचित मुआवजा और दुकान के बदले उन्हें दुकान दी जाए, तभी वे अपनी दुकान पर कब्जा देंगे अन्यथा परिवार के सदस्यों को साथ भूख हड़ताल करेंगे।

व्यापारियों ने बताया कि वे काफी समय से अपनी मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई अधिकारी उनके पास नहीं आया है। एडीएम भूमि अध्याप्ति नवीन चंद्र ने बताया कि जिला प्रशासन अधिग्रहण के तहत भूमि का नियमानुसार मुआवजा तथा पुनर्स्थापना के तहत आर्थिक मदद देता है। दुकान के संबंध में निर्णय एनसीआरटीसी के अधिकारियों द्वारा लिया जाएगा।

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