देहरादून 16 अक्टूबर। पवित्र जीवनदायिनी नदी मां गंगा के उदगम स्थल श्री गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर को बन्द हो जाएंगे। रविवार को शारदीय नवरात्र के पहले दिन श्री गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि व मुहूर्त सुनिश्चित हुआ। इस बार धाम के कपाट शीतकाल के लिए 14 नवंबर को अन्नकूट के पावन त्योहार पर अभिजीत मुहूर्त में प्रात:काल 11 बजकर 45 मिनट पर बंद किए जाएंगे। श्री यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को बंद किए जाएंगे। इसका समय विजयदशमी के दिन निश्चित होगा। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने बताया कि बदरीनाथ के कपाट बंद करने का फैसला दशहरे यानी 24 अक्टूबर के बाद लिया जाएगा. एक धार्मिक आयोजन कर मंदिर के कपाट बंद होने की घोषणा की जाएगी.
गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि 14 नवंबर को कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली अपने मायके मुखबा के लिए प्रस्थान करेगी। रात्रि निवास भैरोघाटी स्थित देवी मंदिर में होगा। इसके अगले दिन 15 नवंबर को भाई दूज पर मां गंगा की उत्सव डोली अपने मायके मुखबा उखीमठ में पहुंचेगी। यहां मां गंगा का स्वागत एक बेटी की तरह गांव के ग्रामीणों द्वारा किया जाएगा।
पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरूषोत्तम उनियाल ने बताया कि यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने का समय विजयदशमी पर तय किया जाएगा। जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि 24 अक्तूबर को विजयादशमी के दिन तय होगी। केदारनाथ धाम के कपाट 15 नवंबर को भाई दूज के दिन बंद करने की परंपरा है।
बता दें, ग्याहरवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि विधान के साथ 25 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर खोले गए. केदारनाथ में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई. रावल भीमाशंकर लिंग तथा पुजारी शिवलिंग एवं धर्माचार्यों ने ये पूजा अर्चना की. कपाट खुलते समय सेना के बैंड, भजन कीर्तन और जय श्री केदार के उदघोष से केदारनाथ धाम गूंज उठा था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई थी.