मथुरा 14 नवंबर। आज देशभर में गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जा रहा है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा करने का विधान है। इस तिथि को अन्नकूट के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस दिन घरों में अन्नकूट का भोग बनाया जाता है। इस बार गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को की जा रही है। गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन भगवान और गिरिराज जी के साथ ही भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है।
गोवर्धन पूजन के लिए आज दो सबसे शुभ मुहूर्त रहेंगे. एक मुहूर्त सुबह 6 बजकर 43 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा और दूसरा मुहूर्त आज शाम 5 बजकर 28 मिनट से लेकर 5 बजकर 55 मिनट तक रहेगा ।
गोवर्धन, वृंदावन और मथुरा सहित पूरे बृज में इस दिन जोर-शोर से अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है। आज जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन होगा। गोवर्धन की पूजा करने के लिए श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की गोवर्धन उठाते हुए आकृति गोबर से बनाते है। आज इसे खील व सूखे रंगों का प्रयोग करके सजाया जाएगा। शाम साढ़े सात बजे से गोवर्धन पूजा की जाएगी।
गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत, भगवान श्रीकृष्ण और गोमाता की पूजा करने का विधान है। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने देवताओं के राजा इंद्र के अहंकार को नष्ट किया था। इस दिन मंदिरों के अलावा कॉलोनी आदि में गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान के बड़े सुंदर प्रतिरूप बनाकर पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त पूजा करता है तो उसके घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और गिरिराज महाराज जो भगवान श्रीकृष्ण का ही स्वरूप हैं उनका आशीर्वाद पूरे परिवार पर बना रहता है।
गोवर्धन पूजा करने के लिए सबसे पहले घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाएं। इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करें। इसके बाद अपने परिवार सहित श्रीकृष्ण स्वरूप गोवर्धन की सात प्रदक्षिणा करें। इस तरह पूजा करने से भगवान से आशीर्वाद प्राप्त होता है।
माना जाता है कि इसके बाद भगवान कृष्ण ने स्वंय कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन 56 भोग बनाकर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का आदेश दिया दिया था.तभी से गोवर्धन पूजा की प्रथा आज भी कायम है और हर साल गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का त्योहार मनाया जाता है।