देहरादून, 16 दिसंबर। उत्तराखंड के हरिद्वार में भारत सरकार की शत्रु संपत्ति खुर्द-बुर्द करने का बड़ा मामला सामने आया है। विजिलेंस ने मामले में 10 सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों समेत कुल 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मामले में हरिद्वार के तत्कालीन एसडीएम हरबीर सिंह भी आरोपी बनाए गए हैं। विजिलेंस के अनुसार, अन्य आरोपियों में अधिवक्ता और भूमाफिया शामिल हैं। ज्वालापुर में काफी बड़े क्षेत्रफल में शत्रु संपत्ति मौजूद है। लेकिन, कुछ वर्षों में कुछ अफसरों और कर्मचारियों ने निजी लोगों के साथ मिलकर इनकी रजिस्ट्री करवानी शुरू कर दी। इस तरह वहां बड़े पैमाने पर शत्रु संपत्तियां बेची गईं। शिकायत पर विजिलेंस ने जांच शुरू की। पता चला कि मौके पर वाकई में शत्रु संपत्तियों को खुर्द-बुर्द कर निजी लोगों को बेचा गया, जिसमें सरकारी अधिकारियों की भी भूमिका सामने आई।
इस मामले में अधिवक्ता पहल सिंह वर्मा, सज्जाद, मोहन लाल शर्मा, यशपाल सिंह चौहान, राजकुमार उपाध्याय भी आरोपी बनाए गए हैं। इनमें शासकीय अधिवक्ता भी शामिल हैं।
ये भी बनाए गए आरोपी
मामले में रियाज अहमद, शरीफ अहमद, शौकत उर्फ चीचू, वाहिदा, सलीम, जुलेखा, कारी मुस्तफा, कोमल, विनोद मलिक, रेशमा, प्यारेलाल, सफदर अली, संजीदा के नाम शामिल हैं। इनमें भू माफिया भी शामिल हैं, जिन्होंने इस खेल को अंजाम दिया था।
इनके खिलाफ मुकदमा
हरबीर सिंह (तत्कालीन एसडीएम), अनिल कुमार कंबोज (तत्कालीन हल्का लेखपाल), सुखपाल सिंह (तत्कालीन शासकीय अधिवक्ता), नीरज तोमर (तत्कालीन लेखपाल), बिजेंद्र गिरि (तत्कालीन लेखपाल), बिजेंद्र कश्यप (तत्कालीन लेखपाल), श्रवण कुमार (तत्कालीन कानूनगो), एसबी शर्मा (तत्कालीन उपनिबंधक), हरिकृष्ण शुक्ला (तत्कालीन उपनिबंधक), मायाराम वर्मा (तत्कालीन उपनिबंधक)।